अमित द्विवेदी@नवप्रवाह.कॉम
नितीश कुमार बिहार में अपने किए कामों को गिनाकर आगामी चुनाव में जीत दर्ज़ करने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिहार के लिए कुछ महत्वपूर्ण परियोजनाओं को हरी झंडी देकर उनके गुट को परेशान ज़रूर कर दिया है। इस चुनावी समर में प्रधानमंत्री ने भी उपस्थिति दर्ज़ करा दी है और बाकायदा बिहार को कई परियोजनाओं के रूप में तोहफा भी दे दिया है।
पटना स्थित वेटनरी कॉलेज मैदान में आयोजित कार्यक्रम में उन्होंने दनियावां-बिहार शरीफ नई रेल लाइन का उदघाटन किया साथ ही पटना- मुंबई वातानुकूलित सुविधा एक्सप्रेस को भी हरी झंडी दिखाई। इसके अलावा प्रधानमंत्री ने आईआईटी पटना के परिसर लोकार्पण और इन्क्यूबेशन सेंटर ऑफ मेडिकल इलेक्ट्रॉनिक्स का शिलान्यास किया।
शनिवार को मंच पर प्रधानमंत्री मोदी के साथ मंच पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी मौजूद भी थे। कार्यक्रम आरंभ होने से पहले दोनों नेता एक दूसरे गुफ्तगू भी करते नजर आए। प्रधानमंत्री के इस दौरे को आगामी बिहार विधानसभा चुनाव में भाजपा की तैयारी के रूप में भी देखा जा रहा है।
हुई ज़ुबानी जंग-
मोदी और नितीश भले ही एक मंच पर आसीन थे लेकिन दोनों के बीच ज़ुबानी जंग भी खूब हुई। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्य की जरूरतों को बताया और स्पष्ट किया कि पटना की आईआईटी में आर्किटेक्चर, फूड एंड इंजीनियरिंग जैसे कोर्स भी पूरे होने चाहिए।
उन्होंने मांग किया कि जो रेल की परियोजनाएं पूरी नहीं हो पाईं हैं, वे जल्द से जल्द से पूरी हों।
नीतीश ने भाजपा की पूर्व सत्ता पर भी हमला बोला। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने आज जिस योजना का उदघाटन किया है, अगर अटल बिहारी वाजपेयी सरकार ने छह महीने पहले चुनाव नहीं कराया होता तो यह उसी समय पूरी हो गई होती।
प्रधानमंत्री मोदी ने नितीश के बयान पर निशाना साधते हुए कहा, ‘मैं नीतीशजी से सहमत हूं। अटल बिहारी वाजपेयी के शासन में छह महीने पहले चुनाव नहीं कराए गए होते तो बिहार की रेल परियोजनाएं जल्दी पूरी हो गई होती। लेकिन उस चुनाव के बाद ऐसे लोग आए जिन्होंने काम को पूरी तरह से रोक ही दिया। जो अब हमारे आने के बाद शुरु हुआ।