अमित द्विवेदी@नवप्रवाह.कॉम
मुंबई.
दिल्ली और उत्तर प्रदेश से भारी मात्रा में कामोत्तेजक दवाईयां देश की आर्थिक राजधानी मुंबई भेजी जा रही हैं. इन दवाइयों की बड़े पैमाने पर विक्री ऑनलाइन मार्केट के ज़रिए हो रही है. बिना चिकित्सक की सलाह से लिए जा रहे इन दवाइयों से मुंबई में गर्भपात के मामले में आश्चर्यजनक इजाफा हुआ है. यह मामला महाराष्ट्र विधानसभा में उठा. फूड एंड ड्रग्स एडमिनिस्ट्रेशन का अतिरिक्त प्रभार देख रहे राजस्वमंत्री एकनाथ खड़से ने इस पर भारी चिंता व्यक्त की.
पेशे से चिकित्सक भाजपा विधायक डॉ. मिलिंद माने ने विधानसभा में यह मुद्दा उठाया. माने ने स्पष्ट किया कि मुंबई में सिर्फ कामोत्तेजक दवाईयां ही नहीं बल्कि गर्भपात कराने वाले किट का भी धड़ल्ले से ऑनलाईन कारोबार हो रहा है. बिना डॉक्टर की सलाह के ही इस तरह की दवाईयों के सेवन से लोगों की जान जोखिम में पड़ रही है.
एफडीए मंत्री एकनाथ खडसे ने इसको लेकर चिंता जाहिर की. उन्होंने कहा कि एक साल में मुंबई में 15 साल के कम उम्र की 185 लड़कियों का गर्भपात कराया गया है जबकि 18 साल से अधिक उम्र की 30 हजार से अधिक महिलाओं का गर्भपात हुआ. खडसे ने कहा कि ऑनलाईन दवा बेचने वाली कंपनियों के खिलाफ राज्य सरकार ने कार्रवाई शुरु कर दी है. शापक्लूज और स्नॅपडिल जैसी कंपनी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराया गया है. परन्तु, इस तरह की कंपनियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए कानून में संशोधन की आवश्यकता है. खडसे ने कहा कि हमने केंद्र सरकार से कानून में संशोधन करने के लिए पत्र लिखा है.
महिलाओं में बढ़ रही है एनिमिया और रक्तस्राव की बीमारी-
विधायक डॉ. माने ने नवप्रवाह.कॉम को बताया कि आईपिल और अनवांटेड 72 जैसी गर्भपात वाली दवाईयों के सेवन से लड़कियों और महिलाओं में एनिमियां और रक्तस्राव की बीमारी बढ़ रही है. अधिक रक्तस्राव से महिलाओं की जान भी जा रही है। वहीं, युवा अधिक कामोत्तेजना के लिए शराब में वायग्रा डालकर पी रहे हैं, जिससे ऑपरेशन की नौबत आ जाती है और अंदर घाव हो जाता है. उन्होंने बताया कि वायग्रा की डेनाफिल, टाडाफिल दवाईयां आती हैं। यह दवाईयां उत्तर प्रदेश, दिल्ली और राजस्थान से कुरियर से डिस्पैच कर सीधे मुंबई के लोगों के घरों में भेजी जा रही हैं.