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वित्त मंत्री जेटली का बजट मध्यम वर्ग के लिए भले ही कोई ख़ास सौगात न लाया हो, लेकिन किसानों के लिए किसी गिफ्ट हैम्पर से कम नहीं है. बजट में गाँव, किसान, खेती, ढांचागत सुविधाओं के विकास और कमजोर तबके को जबरदस्त राहत दी गई है. मोदी सरकार ने 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने को दृष्टि रखते हुए कृषि व् किसान कल्याण के लिए 35984 करोड़ रखे हैं और ग्रामीण विकास के लिए 87765 करोड़.
हालांकि कुछ लोग इसे रॉबिनहुड सरकार का बजट भी कह रहे हैं जो अमीरों की तिजोरियों से निकालकर गरीब,किसान तबके को राहत पहुंचाने की कवायद है. सरकार का फोकस आगामी चुनावों पर भी है.
आदित्य बिड़ला समूह के चेयरमैन कुमार मंगलम बिड़ला के अनुसार, “ वित्त मंत्री के लिए यह बजट भारी परेशानी झेल रहे कृषि क्षेत्र और इन्फ्रास्ट्रक्चर विस्तार की जरूरत को वित्तीय अनुशासन के साथ पूरा करने की दृष्टि से बेहद संतुलित काम था. ग्रामीण भारत पर उन्होंने सही ढंग से फोकस किया है. चाहे कृषि उत्पादन बढ़ाने , कृषि आय बढ़ाने, ग्रामीण क्षेत्रों में जीवन स्तर सुधारने, इन्फ्रास्ट्रक्चर, इलेक्ट्रिफिकेशन, डिजिटल लिटरेसी, जॉब क्रिएशन,का सवाल हो,सभी क्षेत्रों को, उन्होंने पर्याप्त तवज़्ज़ो दी है. इसका संकेत पिछली सरकार की योजना (मनरेगा) को मौजूदा सरकार द्वारा भी पर्याप्त उत्साह के साथ जारी रखते हुए अब तक के सर्वाधिक 38500 करोड़ रुपये आवंटित करने से मिलता है.”
विपक्ष ने इसे धोखे का बजट भले ही ठहराया हो लेकिन देखा जाए तो इसके दूरगामी परिणाम सामने आयेंगे. ऐसे बजट को Populist Budget कहा जाता है जिसमें उस तबके को आराम दिया जाए जिसकी स्थिति पिछले समय में बदतर होती आई हो.
जेटली के बजट की झलकियाँ:
सर्विस टैक्स 14.5 से बढ़कर 15% हुआ. जिसमें 0.5 % कृषि कल्याण सेस लगाया गया है जिसका आम जनता पर कुछ खासा बोझ नहीं पड़ेगा. उत्पाद शुल्क भी बढ़ा दिया गया है.
हीरे-सोने के जेवरात, 1000 रूपये तक के ब्रांडेड कपड़े छोड़कर,सभी तम्बाकू उत्पाद,हवाई सफ़र,बैंकिंग सेवा,बीमा पॉलिसी, रेस्तरां में खाना,मिनरल वाटर,प्लास्टिक बैग,क्रेडिट-डेबिट कार्ड धारण करना,कैब-टैक्सी सेवा, ब्यूटी पार्लर जाना, मल्टीप्लेक्स में फ़िल्में देखना,जिम जाना, ई-रेल टिकट, मोबाइल बिल्स पर मंहगाई की गाज गिरी.
आईटी सेक्टर से जुड़ी सामग्रियों पर से 10 % का बुनियादी उत्पाद शुल्क हटा लिया गया है.
निरामय स्कीम के तहत जनरल इंश्योरेंस पर छूट मिली, जूते-चप्पल, सोलर लैंप, राउटर, ब्रॉडबैंड मॉडेम, सेटटॉप बॉक्स, डिजिटल वीडियो रिकॉर्डर, सीसीटीवी कैमरा, इलेक्ट्रिक वाहन, रेफ्रीजरेटेड कंटेनर्स, माइक्रोवेव ओवेन्स, सेनिटरी पैड्स, दिव्यान्गों के उपकरण, ब्रेल पेपर, देश में बने मोबाइल, कंप्यूटर सॉफ्टवेयर सस्ते हुए हैं.
कारोबारी वर्ग के लिए, आयकर ऑडिट में छूट 1 करोड़ रुपये टर्नओवर से बढ़ाकर 2 करोड़ रुपये की हो गई है . इसका देशभर के तकरीबन 33 लाख छोटे व् मध्यम उद्यमियों को लाभ मिलेगा. MSME श्रेणी वाले उद्यमियों को भी लाभ मिलेगा.
5 करोड़ रुपये तक के टर्नओवर वाली कम्पनियों के लिए कॉर्पोरेट टैक्स 1 प्रतिशत घटा दिया गया, जो अब 30% से 29% हो गया है.
नई मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स पर कॉर्पोरेट टैक्स 25% (मय सेस व सरचार्ज), अगर वो मुनाफ़े,निवेश से जुड़ी कोई कटौती का दावा न करें.
साथ ही मध्यम वर्ग के लिए ईपीएफ खाते से रकम निकालने पर 60% राशि पर टैक्स देना होगा. बाकी 40% टैक्स फ्री है. इसमें टीडीएस की सीमा 30000से बढ़ाकर 50000 रूपये की गई.
स्टार्टअप के लिए जेटली सौगात लेकर आए हैं. अप्रैल 2016 से मार्च 2019 के बीच शुरू होने वाले स्टार्टअप को पांच में से तीन वर्ष के मुनाफ़े पर 100% कर छूट.
स्टार्टअप कम्पनियों का पंजीकरण एक दिन में होगा.
कालाधन वालों को 45% पेनाल्टी देकर अपना धन वाइट मनी में कन्वर्ट करना होगा. इसके लिए विशेष खिड़की1 जून से 30 सितम्बर 2016 तक खुली रहेगी. इसमें 30% टैक्स ,7.5% पेनाल्टी शामिल होगी. इस योजना में कालाधन जाहिर करने वालों पर ना ही कोई मुकदमा चलेगा और न ही कोई जांच की जायेगी.
होमलोन वालों के लिए भी काफी राहत है. पहली बार मकान खरीदे जाने पर 35 लाख रुपये तक के लोन पर 50हजार सालाना की ब्याज छूट मिलेगी. लेकिन मकान की कीमत 50 लाख से ज्यादा न हो. साथ ही 60 वर्गमीटर (324वर्गफीट) तक के फ्लैट पर सर्विस टैक्स में छूट.
व्यक्तिगत टैक्स स्लैब में कोई बदलाव नहीं हुआ, बल्कि 5 लाख रुपये तक की आय वालों को 3000 रूपये की छूट दी गई है. पहले ये छूट 2000 रुपये थी. अब कुल छूट 5000 रूपये की हो गई है. इससे २ करोड़ आयकरदाताओं को ये लाभ मिल सकेगा.
किराये के मकानों में रहने वालों नौकरीपेशा,व्यावसायिक लोगों को मकान भत्ते पर 60 हजार रूपये की छूट होगी. अभी तक ये सीमा 24 हजार रुपये थी. ये छूट उन्हीं लोगों के लिए है जिन्हें कम्पनी या एम्प्लायर की ओर से कोई मकान भत्ता नहीं मिलता है.
अमीर वर्ग के लिए ये बजट भारी भरकम साबित हुआ. लेकिन उनकी स्थिति को ध्यान में रखते हुए ये मामूली सा ही भार होगा. दस लाख से अधिक की लग्जरी कार पर 1% एक्स्ट्रा टैक्स होगा.
पेट्रोल,एलपीजी,सीएनजी, की छोटी कारों पर 1%, डीजल कारों पर 2.5% और एसयूवी क्लास कारों पर 4% इन्फ्रा सेस लगेगा.
साथ ही 1 करोड़ से ज्यादा आय वालों को अब 12% की जगह 15% सरचार्ज देना होगा.
घोषणाएं:
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कुछ ऐसी घोषणाएं भी कीं जिन्हें एक विकासशील सरकार का सकारात्मक कदम मान सकते हैं, जैसे स्कूल-कॉलेज को डिजिटल सर्टिफिकेट दिया जाएगा,2018 तक देश के हर गाँव को बिजली मुहैया करवाई जाएगी,देश के हर जिला हस्पताल में डायलिसिस यूनिट्स इंस्टाल की जाएँगी, अब छोटी दुकानें भी सप्ताह में सातों दिन खुल सकेंगी, जैसा की बड़े माल्स में होता है. नए कर्मचारियों के 3साल के शुरुआती पीएफ को सरकार भरेगी, साथ ही परिवार का हेल्थ बीमा और भी बहुत कुछ.
बजट विशेष:
=> ये बजट कुल 19.78 लाख करोड़ रुपये का है.
=> वित्त मंत्री जेटली ने बजट अभिभाषण में कुल 37 बार निवेश शब्द तथा 20 बार विकास शब्दों का इस्तेमाल किया. => किसान और कृषि शब्द क्रमशः 32 व् 24 बार बोले गए.
=> बजट भाषण 12500 शब्दों का रहा. 1991 में जब देश गहन आर्थिक संकट से गुजर रहा था , तत्कालीन वित्त मंत्री मनमोहन सिंह जी ने 18900 शब्दों का भाषण पढ़ा था.
प्रधानमन्त्री मोदी ने इसे गाँव व गरीब का बजट कहा.
इस बजट का पूरा फोकस गाँव,गरीब और किसान पर ही है ऐसा कहना कुछ गलत नहीं होगा. माध्यम वर्ग भले ही इस बजट से नाखुश हो लेकिन उन्हें एक बात समझ लेनी चाहिए कि देश में सर्वाधिक किसान वर्ग भुखमरी,बदहाली का शिकार होता आया है. उत्पादक क्षमता में भारी गिरावट इसका परिणाम है,जिसके कारण मंहगाई भी बढ़ती है. अगर किसान वर्ग संपन्न होगा तो उसकी उत्पादकता पर असर पड़ेगा, चीजें आने वाले समय में अपनेआप सस्ती होती जायेंगी. इसी दूरंदेशी परिणाम को ध्यान में रखते हुए ये बजट बनाया गया है, जिससे मध्यम वर्ग, और अमीर वर्ग नाराज़ भी है. मध्यम वर्ग को बजट में जिन अच्छे दिनों के जादू का इंतज़ार था वो उन्हें नहीं मिल सका.
मोदी सरकार पर धनकुबेरों पर मेहरबान होने का आरोप लगाने वालों की बोलती भी बंद हुई है. व्यापारी वर्ग से अधिक तवज्जो इस बजट में देश के गरीब,किसान,ग्रामीण वर्ग को दी गई, ये एक अच्छी बात है.
बेहतरीन बहुत अच्छा
कतई सटीक जायजा सरकार की मानसिकता का बधाई!