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हरियाणा में जाटों के हिंसक आंदोलन को मंत्री अनिल विज ने भीड़तंत्र की संज्ञा देते हुए कहा कि सरकार से बात करने के लिए उन्हें एक समिति गठित करनी चाहिए. सरकार इन मसलों पर भीड़ से बात तो कर नहीं सकती. मंत्री विज ने कहा कि आंदोलन वह होता है, जिसका कोई नियंत्रण होता है. यह भीड़ उग्र और अनियंत्रित है. भीड़तंत्र हावी है, सरकार बात किससे करेगी.
जाटों को आरक्षण दिए जाने के मुद्दे पर हरियाणा के मंत्री अनीज विज ने आज स्पष्ट कहा कि जटों को आरक्षण देने के लिए भाजपा सरकार प्रतिबद्ध है लेकिन वे बात भी करें तो किससे. ऐसे मामले में जाटों को अपने कुछ नेताओं को सरकार से बात करने के लिए भेजना चाहिए, जिससे इन मुद्दों पर चर्चा की जा सके.
गौरतलब है कि जाट अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) कोटा के तहत नौकरियों और शिक्षण संस्थानों में आरक्षण की मांग कर रहे हैं. खट्टर सरकार की ओर से हाल में दिए गए विशिष्ट पिछड़ा वर्ग कोटा को उन्होंने खारिज कर दिया.
अनिल विज ने कहा कि हमारी सरकार (राज्य/केंद्र) जाटों के आरक्षण के लिए तैयार है. अब इस विषय में फैसला जाटों के हाथ में है कि वे हमसे बात करना चाहते हैं या नहीं. अब बिना बैठे इस मसले पर हल तो निकलेगा नहीं.
उन्होंने कहा कि भूपेंद्र सिंह हुड्डा के नेतृत्व वाली पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने जाटों और अन्य चार जातियों को विशिष्ट पिछड़ा वर्ग (एसबीसी) कोटा में शामिल किया था. लेकिन, बाद में इसे अदालतों ने खारिज कर दिया.