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मुंबई कांग्रेस के मुखपत्र ‘कांग्रेस दर्शन’ में सोनिया गांधी पर लिखे गए आपत्तिजनक लेख ने माहौल को गर्म बना दिया है. सोनिया के बारे में लिखे गए इस लेख में जवाहरलाल नेहरू से लेकर उनके पिता तक के बारे में कई विवादित बाते लिखी हैं, जिसे विपक्ष अपना हथियार बनाने की तैयारी में जुट गया है.
लगातार बीजेपी सरकार पर हमला कर रही कांग्रेस पार्टी अब खुद निशाने पर नज़र आ रही है. मुंबई कांग्रेस के मुखपत्र ‘कांग्रेस दर्शन’ ने कांग्रेस आलाकमान के बारे में ही विवादित बाते लिखकर माहौल में गर्मी पैदा कर दी है. सोनिया पर लिखे गए इस लेख में पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के कई फैसलों पर भी सवाल उठाए गए हैं. हालाँकि इस मामले में पत्रिका के संपादक संजय निरुपम ने सुधार की बात कही है और यह भी कहा कि वे इस बात पर ध्यान देंगे कि भविष्य में इस तरह की कोई गलती न हो सके.
इस लेख में स्पष्ट लिखा गया है कि सोनिया के पिता फासिस्ट सिपाही थे. साथ ही कहा गया है कि सोनिया ने 1998 में सरकार बनाने की असफल कोशिश की थी. यही नहीं पत्रिका में छपे इस लेख में पूर्व प्रधानमंत्री नेहरू के फैसलों पर भी सवाल उठाया गया है. लिखा गया है कि यदि नेहरू ने सरदार पटेल की बात मानी होती तो आज कश्मीर, तिब्बत, चीन और नेपाल की समस्या नहीं होती.
अब इस मामले में संपादक संजय निरुपम गलती न दोहराने के आश्वासन के अलावा कुछ बोल नहीं पा रहे हैं. उन्होंने कहा कि इस मामले में कार्रवाई होगी. और पूरी कोशिश होगी कि भविष्य में इस तरह की कोई गलती न हो. आज कांग्रेस के 131वें स्थापना दिवस के मौके पर इस तरह के लेख के सामने आ जाने से विपक्ष को भी अच्छा मौका मिल गया है, जिसे भुनाने की पूरी तैयारी चल रही है.