अमित द्विवेदी@नवप्रवाह.कॉम,
आरक्षण की मांग को लेकर देश में हो रहे विवाद की वजह से आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत काफी चिंतित नज़र आ रहे हैं। एक साक्षात्कार में उन्होंने कहा कि आरक्षण के नाम पर राजनीति किया जाना बिल्कुल गलत है।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के मुखपत्रों आर्गेनाइजर और पाञ्चजन्य को दिए एक साक्षात्कार में भागवत ने कहा कि आरक्षण की व्यवस्था समाज को संतुलित करने के लिए बनाई गई थी लेकिन इसका राजनीतिकरण किया गया। इस मामले को गंभीरता से लेते हुए मोदी सरकार को आवश्यक कदम उठाना चाहिए जिससे तमाम समस्याओं को जड़ से समाप्त किया जा सके।
भागवत ने मोदी सरकार को एक समिति बनाने की सलाह दी। उन्होंने कहा कि यह समिति तय करे कि कितने लोगों को और कितने दिनों तक आरक्षण मिलना चाहिए। और इस बात कभी ध्यान रखना आवश्यक है कि समिति में राजनीतिज्ञों से अधिक समाजसेवियों को वरीयता दी जाए।
विपक्ष का भागवत पर हमला-
मोहन भागवत के बयान के बाद विपक्ष ने उन पर हमला बोल दिया है। जेडीयू नेता के.सी. त्यागी ने कहा कि आरएसएस चीफ के बयान के बाद सभी राजनीतिक दलों को उनके खिलाफ आना चाहिए, जिनकी संविधान में आस्था है।