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रोहित वेमुला खुदखुशी मामले में आज राज्यसभा में फिर से बहुजन समाजवादी पार्टी प्रमुख मायावती और केंद्रीय शिक्षा मंत्री स्मृति ईरानी आमने सामने आ गईं। आज सत्र के दौरान मायावती ने केंद्र सरकार पर संघ के संरक्षण का आरोप भी लगा दिया।
मायावती और स्मृति ईरानी आज फिर से संसद में भीड़ गईं। मायावती ने कहा कि सरकार रोहित वेमुला मामले को दबा देना चाहती है। क्योंकि इस मामले में कई संघी लोगों का भी हाथ है। सत्र के दौरान मायावती ने स्मृति को उनका वादा याद दिलाते हुए कहा कि आपके जवाब से मैं संतुष्ट नहीं हूँ, क्या आप अपना वादा निभाएंगी? इसपर स्मृति ने कहा कि मैंने आपके कार्यकर्ताओं से कहा था कि वे मेरा सिर काटकर ले जाएं।
मायावती ने सरकार पर आरोप लगाया कि जांच समिति में सरकार ने एक भी दलित को नहीं रखा है। जो सरकार की मंशा एकदम साफ़ कर देता है।
मायावती ने अपना भाषण जारी रखते हुए कहा कि आरएसएस के कट्टर समर्थक इसके पीछे बताए जा रहे हैं, जिसकी वजह से सरकार अंदर ही अंदर उन्हें बचाने की कोशिश कर रही है। मायावती ने कहा कि इलाहबाद हाई कोर्ट के जज जो जांच कमेटी में इकलौते सदस्य हैं, वो दलित जाति के नहीं हैं। एक से ज्यादा भी अधिकारी कमीशन में रखे जा सकते थे, इससे सरकार की साफ़ तौर पर दलित विरोधी नीति नज़र आती है।
गौरतलब है कि 24 फरवरी को राज्यसभा में अपनी बात रखते हुए स्मृति ईरानी ने मायावती से कहा था कि अगर आप मेरे जवाब से संतुष्ट नहीं होंगी तो मैं अपना सिर आपके चरणों में रख दूंगी।