अनुज हनुमत,
एक तरफ टीम इंडिया मेहमान टीम इंग्लैण्ड के खिलाफ तीसरे टेस्ट में जीत की दहलीज पर थी और वहीं दूसरी ओर उसी मैच में कमेंट्री कर रहे टीम इंडिया के पूर्व विस्फोटक बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग ने एक ऐसा खुलासा किया, जिसने चयनकर्तायों की कार्यशैली पर सवालिया निशान लगा दिया है।
दरअसल, मौजूदा टेस्ट कप्तान और स्टार खिलाड़ी विराट कोहली को लेकर वीरेंद्र सहवाग ने एक बड़ा खुलासा किया है। इंग्लैंड के खिलाफ मोहाली में खेले जा रहे तीसरे टेस्ट मैच में कमेंट्री के दौरान सहवाग ने बताया कि साल 2012 में जब टीम इंडिया ऑस्ट्रेलिया दौरे पर गई थी, तो उस वक़्त चयनकर्ता विराट की जगह टीम में रोहित शर्मा को शामिल करना चाहते थे।
ये पूरा वाकया चार टेस्ट मैचों की बॉर्डर-गावस्कर सिरीज के पहले दो मैच में कोहली का प्रदर्शन के दौरान का है। इस सीरीज में कोहली का प्रदर्शन बहुत ख़राब रहा था। कोहली दो मैचों की चार पारियों में महज 43 रन ही बना पाए थे। जिसकी वजह से विराट को टीम से बाहर करने का फैसला किया गया था।
वीरेंद्र सहवाग ने कहा, “उस वक़्त मैं टीम का उपकप्तान था और महेंद्र सिंह धोनी टीम को लीड कर रहे थे, हम दोनों ने विराट कोहली को पर्थ टेस्ट में टीम शामिल कराया और आगे जो हुआ वो इतिहास है।
हालाँकि, पर्थ में खेले गए तीसरे टेस्ट मैच में कोहली ने पहली पारी में 44 और दूसरी पारी में 75 रन बनाए थे। इसके बाद एडिलेड टेस्ट में कोहली ने शानदार शतक भी जमाया। कोहली ने 213 गेंदों का सामना करते हुए 11 चौकों और 1 छक्के की मदद से 116 रनों की पारी खेली थी।
इस मैच के बाद से कोहली टेस्ट टीम के स्थाई सदस्य भी बन गए और दो साल के अंदर उन्हें टीम के कप्तानी भी मिल गई। पूर्व टेस्ट कप्तान के इस खुलासे ने बीसीसीआई की कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़ा कर दिया।