अमित द्विवेदी@नवप्रवाह.कॉम
मुंबई.
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने विपक्ष द्वारा किसानों के कर्ज माफ़ करने की मांग को दरकिनार कर दिया. फडणवीस ने विपक्ष पर हमला बोलते हुए कहा कि आघाड़ी सरकार ने 2008 में किसानो की कर्ज माफ़ी की घोषणा की थी. लेकिन उसका लाभ किसानों की जगह बैंकों को हुआ, जबकि विदर्भ और मराठवाड़ा के किसानों को रत्ती भर लाभ नहीं हुआ. उन्होंने कहा कि किसानों के कर्ज माफ़ नही बल्कि कर्ज मुक्त करने की आवश्यकता है.
फडणवीस ने किसानों के मुद्दे पर अपने भाषण में कहा कि पिछले ६ महीने में राज्य सरकार ने सात हजार करोड़ से अधिक की धनराशि किसानों के मदद के लिए वितरित की. इससे १ करोड़ ३ लाख किसानों को आर्थिक मदद मिला है. उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि किसानों को सक्षम बनाने के लिए सरकार सिंचाई पर ज़ोर दे रही है. उन्होने अन्न सुरक्षा योजना में २२ लाख किसानों को शामिल करने की घोषणा भी किया.जिसके तहत किसानों को दो रुपए किलों गेंहू और तीन रुपए किलों चावल मिल सकेगा.
मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने किसानों के मुद्दे पर लगभग दो घंटे तक के अपने भाषण में आदर्श मिश्र सहित ४ समिति के रिपोर्ट का हवाला देते हुए आघाडी सरकार के नीतियों पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने बताया कि आघाडी सरकार में कर्जमाफी की जो राशि दी गई है, उसमें से केवल १७ प्रतिशत राशि विदर्भ व मराठवाडा को और ३२ प्रतिशत राशि पश्चिम महाराष्ट्र को दी गई. उन्होंने कहा कि अगर कर्ज माफ़ी से किसानों को लाभ होता , तो २००९ से २०१४ के बीच ९६१४ किसानों ने आत्महत्या क्यों की. उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने किसानों को सक्षम बनाने के लिए कई योजना बनाई है. जिसके तहत सरकार कृषि विकास पर हर वर्ष 5 हजार करोड़ खर्च करेगी. इसके लिए अतिरिक्त टैक्स लगाया जायेगा.
सरकार अगले तीन वर्षों में 50 हजार छोटे तालाब और एक लाख कुओं का निर्माण करेगी. साथ ही सरकार ने किसान उत्पादकों के लिए इंटिग्रिटेड टेक्सटाइल्स पार्क बनाने का निर्णय लिया है, जिसके तहत अमरावती से निर्माण कार्य शुरू भी हो चुका है .उन्होंने यवतमाल जिले के लिए एक योजना बनाने की बात कही, जिससे हर किसान को कम से कम एक लाख रूपये मिल सकेगा.