अमित द्विवेदी@नवप्रवाह.कॉम,
बिहार विधानसभा चुनाव से ठीक पहले मुख्यमंत्री और जेडीयू के मुखिया नितीश कुमार नए विवाद में घिरते नज़र आ रहे हैं। रविवार 30 अगस्त को राज्य की राजधानी पटना में होने वाली स्वाभिमान रैली में आने वाली गाड़ियों के लिए पटना विश्वविधयालय के दो कॉलेजों के कैम्पस को राज्य प्रशासन ने कब्जे में ले लिया है। जिसको लेकर विश्वविद्यालय के प्रोफ़ेसर ही नितीश का विरोध कर रहे हैं।
रविवार को पटना के गांधी मैदान में स्वाभिमान रैली होगी। जिसके लिए बड़े पैमाने पर पटना शहर में रैली में भाग लेने वालों और वाहनों के ठहरने की व्यवस्था की जा रही है। पटना में वाहनों के ठहराव के लिए बिहार के सबसे पुराने साइंस कॉलेज और पटना कॉलेज के कैम्पस को भी प्रशासन ने अपने कब्जे में लिया है।
विश्वविद्यालय के प्राध्यापकों द्वारा इस प्रशासनिक गतिविधि का भारी विरोध हो रहा है। प्राध्यापकों का कहना है कि यह पहली बार हो रहा है कि पटना विश्वविधयालय के कॉलेजों के कैम्पस को प्रशासन ने अपने कब्जे में लिया है। यह बिलकुल गलत है। ऐसा हुआ तो हर राजनीतिक रैली में विश्वविद्यालय का इस्तेमाल किया जाएगा , जो शिक्षा की दृष्टि से बिलकुल गलत है। शिक्षा व्यवस्था को राजनीति से मुक्त ही रखना चाहिए।
सरकार की इस गतिविधि की वजह से विपक्ष को विरोध करने का एक अच्छा मौक़ा मिल गया है। हालाँकि अभी तक विपक्ष का कोई बयान नहीं आया है, लेकिन संभव है कि इसका भारी विरोध बिहार सरकार को झेलनी पड़े।