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अपना अहम् चुनावी वायदा पूरा करते हुए बिहार के मुख्यमंत्री नितीश कुमार ने गुरूवार को ऐलान किया कि 1 अप्रैल 2016 से बिहार में शराब बंद कर दी जायेगी।
एक कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि “चुनाव प्रचार के दौरान हमने महिलाओं से जो वादा किया था उसे पूरा करने के लिए हमारी सरकार प्रतिबद्ध है।अधिकतर महिलाओं द्वारा शिकायतों की एक लहर सी थी कि परिवार के पुरुष सदस्य शराब पीकर घर में हंगामा खड़ा करते हैं जिसके कारण बच्चों की शिक्षा भी प्रभावित होती है। हालाँकि शराब उत्पादन तथा बिक्री से 4 हज़ार करोड़ रुपयों का सालाना मुनाफा होता है परंतु जनता के हितों के विषय में सोचना हमारे लिए ज़्यादा ज़रूरी है।”
मुख्यमंत्री ने कहा कि इससे सबसे ज़्यादा हानि गरीब परिवारों को होती थी परंतु अब वे शराब पर खर्च होने वाले पैसे अपने बच्चों की शिक्षा और पालन पोषण पर लगा सकेंगे। उत्पादन मंत्री अब्दुल जलील मस्तान ने कहा है कि नितीश कुमार ने अपने चुनाव प्रचार के दौरान बिहार की महिलाओं से ये वादा किया था ।इसीलिए हम उस वादे को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।शराब पर प्रतिबन्ध लगाने के लिए हम लोग एक नई नीति बना रहे हैं।
मुख्य सचिव अंजनी कुमार सिंह को शराब प्रतिबन्ध के विषय में नई नीति बनाने का निर्देश दिया जा चुका है। शराब प्रतिबंधित करने से होने वाले नुकसान की भरपाई के विषय में पूछने पर मस्तान ने कहा कि सरकार का काम है जनता की भलाई के विषय में विचार करना।पिछड़े इलाकों व महिलाओं की ओर से लगातार बढ़ती मांग की वजह से ये निर्णय लिया गया है।इस क्षतिपूर्ति के लिए हम एथेनॉल उत्पाद जैसे कुछ अन्य विकल्प अपनायेंगे।