कोमल झा| Navpravah.com
फिल्म का नाम: राब्ता
डायरेक्टर: दिनेश विजन
स्टार कास्ट: सुशांत सिंह राजपूत, कृति सैनन, राजकुमार राव, जिम सर्भ, वरुण शर्मा अवधि:2 घंटा 34 मिनट
सर्टिफिकेट: U/A
रेटिंग: 2.5 स्टार
राबता को देखने के बाद एक बात पूरी तरह से साफ हो जाती है- अब पुनर्जन्म की कहानी कहने के लिए फिल्मवालों को नए पैंतरे ईजाद करने पड़ेंगे. जितनी उम्र पर्वतों की है शायद उतनी ही उम्र पुनर्जन्म की कहानियों की होगी.
हकीकत यही है कि इस फिल्म में कुछ भी नयापन नहीं है. वही कहानी, वही सीन, वही काले-गहरे रहस्य और अंत में वही ट्विस्ट. देखा-सुना सब लौट-लौट कर आता है. राब्ता का मामला ऐसा ही है. पुनर्जन्म की प्रेम कहानी में अगर आपकी आंखों से एक बार आंसू तक न निकले तो वो प्रेम कहानी ही क्या है. राजाओं के जमाने की शताब्दियों पुरानी बातें तो मॉडर्न जमाने के हंगरी में भारतीय हीरो-हीरोइन-खलनायक. सब चुंचु का मुरब्बा बन जाता है. पुनर्जन्म की कहानी के 21वीं सदी से कनेक्शन में कई बातें तर्कहीन लगती हैं. इस फिल्म का निर्देशन करने वाले दिनेश विजन इसके पहले बदलापुर, कॉकटेल और हिंदी मीडियम सरीखी फिल्मों में बतौर निर्माता नजर आए थे लेकिन राबता देखने के बाद यही कहने का मन करता है कि बतौर निर्माता वो अच्छी फिल्में बनाते है, लेकिन यही बात मैं उनके निर्देशन के बारे में नही कह सकता हूं.
पिछले साल ही दर्शकों ने पुनर्जन्म वाली मिर्जिया को हवा में उड़ा दिया था मगर राब्ता को सुशांत-कृति का रोमांस, कुछ हठीली-कॉमिक बातें और बुडापेस्ट के लोकेशन बचाते हैं. फिर भी फिल्म कहीं-कहीं दादा-परदादा के जमाने की लगती है आप उससे कनेक्ट नहीं कर पाते.
कहानी एक पंजाबी दिल फेंक मुंडा शिव यानी कि सुशांत सिंह राजपूत की है जिसे हंगरी की राजधानी बुडापेस्ट मे एक बैंकर की नौकरी मिल जाती है. वहां पर उसकी मुलाकात आयशा यानी कृति सैनन से होती है और फिर चंद मुलाकात के बाद दोस्ती प्रेम में तब्दील हो जाती है. बाद में शराब के व्यापारी जाकिर मर्चेंट के रोल मे जिम सरभ की एंट्री होती है और उसके बाद चीजें बदलने लगती है. आयशा मर्चेंट की तरह खिंचती चली जाती है और जब एक सप्ताह के लिए शिव वियना मे बैंकर्स कांफ्रेंस के लिये जाता है तब उसकी जिंदगी पूरी तरह से बदल चुकी होती है. पुनर्जन्म की बात यही से शुरू होती है.
अभिनय के मामले मे भी सुशांत सभी से उन्नीस नजर आते है अलबत्ता इमोशनल सींस मे कृति की कमजोरी दिखाई देती है. जिम सरभ की शुरुआत तो बड़े ही शानदार तरीके से होती है लेकिन जैसे-जैसे फिल्म आगे बढ़ती है, वैसे-वैसे ही उनका किरदार स्टीरियोटाइप्ड होते चला जाता है. राजकुमार राव भी फिल्म में है और मुमकिन है कि उनके मेकअप की वजह से आपको उनको पहचान नहीं पाएं. वो एक बूढ़े के किरदार में नजर आते है लेकिन उनकी धार इस फिल्म में दिखाई नही देती.
क्यों देख सकते हैं ये फिल्म
सुशांत सिंह राजपूत ने प्रेजेंट डे और पास्ट के किरदार को बखूबी निभाया है और उन्हें देखकर लगता है कि कितनी मेहनत इस तैयारी में लगी होगी. वहीँ पिछली फिल्मों से काफी बेहतर अदाकार कृति सैनन करती हुई दिखाई दी हैं. राजकुमार राव का लुक कमाल का है, लेकिन उन्हें और साफ जबान में बात करते हुए दिखाया जाता तो वो किरदार और भी दिलचस्प लगता. वरुण शर्मा की मौजूदगी उनकी हर फिल्म जैसी ही है, कुछ अलग नहीं है. जिम सर्भ की मौजूदगी शायद सबको पसंद ना आ पाये पर कोशिश अच्छी है. विजुअल के लिहाज से फिल्म काफी रिच है और देखने में अलग फीलिंग्स आती है.
बॉक्स ऑफिस
फिल्म का बजट लगभग 55 करोड़ बताया जा रहा है और साथ ही इसे भारत में 1500 से ज्यादा और विदेश में 330 स्क्रीन्स में रिलीज किया जा रहा है. सुशांत सिंह राजपूत और कृति सैनन जैसी स्टार कास्ट की वजह से फिल्म को बम्पर ओपनिंग मिलने की सम्भावना है.