ज्योति विश्वकर्मा | Navpravah.Com
स्टारकास्ट : आयुष शर्मा, वरना हुसैन
डायरेक्शन : अभिराज मीनावाला
रेटिंग्स : 2*
बॉलीवुड के सिकंदर सलमान खान के जीजा आयुष शर्मा फिल्म “लवयात्री ” से बॉलीवुड जगत में एंट्री करने जा रहे है। ‘प्यार की हमेशा जीत होती है’.. वहीं आयुष शर्मा और वरीना हुसैन की लवयात्री में ये रोल गरबा अदा करता है। इस फिल्म के लिए सलमान खान ने काफी प्रमोशन किया है।
स्टोरी :
कहानी वडोदा में होने वाले गरबा आयोजन की है जिससे सुश्रुत (आयुष शर्मा) का बहुत लगाव है क्योंकि उसका सपना है एक गरबा अकेडमी खोलना। इसके अलावा उसे कुछ और नजर नहीं आता। एेसे में 9 दिनों तक चलने वाले नवरात्रि फेस्टिवल से किस प्रकार सुश्रुत की जिंदगी में मिशेल (वरीना हुसैन) की एंट्री होती है, उसका फिल्मांकन बखूबी किया गया है। फिल्म को फैमिली ड्रामा बनाने की कोशिश जरूर की गई लेकिन यह कोशिश अधूरी सी लगती है।
एक्टिंग :
बात करे अगर एक्टिंग की तो आयुष की यह पहली फिल्म है और उस मुताबिक उनकी एक्टिंग अच्छी की है। आयुष के अंदर कॉन्फिडेंस तो साफ दिख रहा है। डांस भी आयुष अच्छा कर लेते हैं, लेकिन हां अभी एक्टिंग में उन्हें थोड़ा और काम करने की जरूरत है। वहीं वरीना ने भी अपना बेस्ट देने की कोशिश की है। उनको देखकर आपको कैटरीना की शुरू के दिनों की फिल्मों की याद आएंगी। वैसे वरीना ने हिन्दी अच्छी बोलने की कोशिश की है।
सॉन्ग्स :
फिल्म के संगीत की बात करें तो यह बहुत अच्छा है। इस फिल्म का हर सॉन्ग क़ाफी फेमस है और दर्शकों पर अपनी छाप छोड़ते हैं। तनिष्क बागची द्वारा कंपोज किए गए गीत ढोलिडा और चोगड़ा काफी एनर्जेटिक हैं। गानों की कोरियोग्राफी भी शानदार है जो नए स्टेप्स को जन्म देती है।
डायरेक्शन :
लवरात्रि में यूं तो कुछ नया मालूम नहीं होता। अमीर लड़की-गरीब लड़का, साजिश करने वाला पिता और फिर चेंज और हार्ट..ये सब आपने पहले ही देखा है। नरेन भट्ट की राइटिंग में वो चमक नजर नहीं आती जो ऑडिएंस को जोड़े रखे। डायलॉग भी कोई खास असर नहीं छोड़ते। अभिराज मीनावाला का सपाट निर्देशन और घिसा-पिटा प्लॉट लवयात्री को फेल कर देता है।