अमेठी। लोकसभा चुनाव में मिली हार के बाद कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी 10 जुलाई को अमेठी पहुंच रहे हैं। इस क्रम में मंगलवार को यूपी सरकार के मंत्री और अमेठी के प्रभारी मोहसिन रजा ने राहुल गांधी पर तंज कसा।
योगी सरकार में मंत्री मोहसिन रजा ने कहा कि राहुल गांधी की यह पश्चाताप यात्रा है। अमेठी के लोगों ने अपना नया वारिस स्मृति ईरानी के रूप में चुन लिया है। अमेठी के प्रभारी मंत्री कहते हैं कि राहुल गांधी अध्यक्ष भी नहीं है और अभी कार्यकर्ता के तौर पर आ रहे हैं। रजा ने कहा कि अमेठी के लोगों ने गांधी परिवार के लिए अपने दरवाजे बंद कर दिए हैं। उन्होंने कहा कि अमेठी की तरह वायनाड में भी कुछ दिन बाद जनता राहुल को खोजेगी।
दरअसल, अपने एक दिवसीय दौरे के दौरान राहुल गांधी कार्यकर्ताओं के साथ हार की समीक्षा करेंगे। साथ ही वह अमेठी की जनता को यह सन्देश देने की कोशिश करेंगे कि हार के बावजूद अमेठी से उनका रिश्ता टूटा नहीं है।
राहुल-प्रियंका नहीं आए अमेठी
लोकसभा चुनाव में अमेठी की सीट हारने के बाद से राहुल गांधी और कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी अमेठी नहीं आए। जिसके बाद अटकलें लगने लगी थी कि राहुल वायनाड की सीट से ही अपने रिश्तों को मजबूत करेंगे। लेकिन कांग्रेस के इस दुर्ग को राहुल गांधी ने न छोड़ने का फैसला लेते हुए यहां अपनी सक्रियता बढ़ाने का निर्णय लिया है।
स्मृति ईरानी अमेठी में हैं एक्टिव
2014 के लोकसभा चुनाव में मिली हार के बाद भी स्मृति ईरानी ने अमेठी से नाता जोड़े रखा। उन्होंने खुद को दीदी बताकर अमेठी के लोगों में अपने लिए जगह बनाई और 2019 में कांग्रेस के अभेद्य माने जाने वाले किले को फतेह किया। चुनाव प्रचार के दौरान भी स्मृति ईरानी राहुल गांधी पर अमेठी की अनदेखी का आरोप लगाती रही। उनका कहना था कि राहुल सिर्फ नामांकन और चुनाव जीतने के बाद ही अमेठी आते हैं।