गर्भनिरोधक गोलियों का सेवन दिमाग पर डालती हैं असर, ये है वजह

हेल्थ डेस्क। गर्भ को ठहरने से रोकने के लिए और कई बार अनचाहे गर्भ से निजात पाने के लिए महिलाएं गर्भनिरोधक गोलियों का सेवन करती हैं। लेकिन क्या आपको पता है कि गर्भनिरोधक गोलियों का सेवन आपके मस्तिष्क के लिए खतरनाक हो सकता है। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन यानी विश्व स्वास्थ्य संगठन के आंकड़ों के अनुसार 10 करोड़ से भी ज्यादा महिलाएं रोजाना गर्भनिरोधक गोलियों का सेवन करती हैं। मगर हाल में हुई एक रिसर्च बताती है कि लगातार इन दवाओं के सेवन से आपके मस्तिष्क का आकार छोटा होने लगता है।

स्वभाव में आ जाता है चिड़चिड़ापन

ये रिसर्च यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया, लॉस एंजेलेस में की गई है। इस रिसर्च में 90 महिलाओं को शामिल किया गया था, जो लगातार गर्भनिरोधक गोलियों का सेवन कर रही थीं। रिसर्च में पाया गया कि दिमाग के 2 हिस्सों पर इन दवाओं का सबसे ज्यादा नकारात्मक असर दिखा है। ये दोनों हिस्से व्यक्ति में भावनाओं को कंट्रोल करने में मदद करते हैं। इसका अर्थ यह है कि जो महिलाएं लंबे समय तक गर्भनिरोधक दवाओं का प्रयोग करती हैं, उनके स्वभाव में चिड़चिड़ापन और रूखापन आने की आशंका होती है।

ज्यादा इस्तेमाल से डिप्रेशन का खतरा

इसके अलावा एक अन्य रिसर्च में यह पाया गया है कि ज्यादा मात्रा में गर्भनिरोधक दवाओं का प्रयोग करने से ब्लड क्लॉटिंग (खून जमने) की प्रक्रिया तेज हो जाती है, जो कई बार खतरनाक हो सकती है। इसके कारण कई बार महिलाओं में डिप्रेशन और तनाव जैसे लक्षण बढ़ जाते हैं। डिप्रेशन एक गंभीर मानसिक समस्या है।

इमरजेन्सी गर्भनिरोधक दवाएं और ज्यादा खतरनाक

लंबे समय तक खायी जाने वाली गर्भनिरोधक दवाओं के अलावा बाजार में इमरजेन्सी गर्भनिरोधक दवाएं भी उपलब्ध हैं, जिन्हें असुरक्षित यौन संबंध के 48-72 घंटे के भीतर खाने से गर्भ ठहरने की आशंका कम हो जाती है। आंकड़ों की मानें तो इसका इस्तेमाल 18-30 साल की महिलाएं बहुत ज्यादा करती हैं। शोध बताते हैं कि ये दवाएं रोजाना खाई जाने वाली दवाओं के मुकाबले 6 गुना ज्यादा खतरनाक हैं।

महिलाओं में हो सकती है इन्फर्टिलिटी

इमरजेन्सी गर्भनिरोधक दवाओं के सेवन से महिला के शरीर में कई तरह के हार्मोनल बदलाव होते हैं। इसके अलावा ये दवाएं पूरी तरह सुरक्षित भी नहीं मानी जाती हैं। इनके ज्यादा सेवन से महिलाओं में इन्फर्टिलिटी भी हो सकती है। इसके अलावा गर्भाशय के कैंसर, बच्चेदानी के कैंसर और आंतों के कैंसर का खतरा भी बहुत ज्यादा बढ़ जाता है। गर्भ को ठहरने से रोकने के लिए सबसे आसान और सुरक्षित रास्ता कंडोम का प्रयोग है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.