लखनऊ. उन्नाव रेप कांड में आरोपी विधायक कुलदीप सिंह के असलहों का लाइसेंस 15 महीने बाद निरस्त नहीं हुआ है। बता दें हाईकोर्ट ने सेंगर के असलहों के लाइसेंस को लेकर CBI को रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया था। CBI ने अपनी रिपोर्ट में लाइसेंस रद्द करने की सिफारिश की थी। आज इस मामले में कोर्ट में सुनवाई होनी है।
विधायक के पास मौजूद समय में तीन असलहे हैं। एक सिंगल बैरल बंदूक, रायफल और रिवाल्वर विधायक के पास हैं। मामले में उन्नाव के डीएम देवेंद्र कुमार पांडेय ने कहा कि शस्त्र लाइसेंस का निरस्तीकरण एक न्यायिक कार्रवाई है न कि प्रशासनिक। उन्होंने बताया कि जो प्रशासनिक कार्रवाई होती है उसमें बिना पक्षों को सुने भी कार्रवाई हो सकती है।
डीएम देवेंद्र कुमार पांडेय ने बताया कि न्यायिक कार्रवाई में एक प्रक्रिया निहित है। इसमें पक्षों को सुनकर समुचित निर्णय लिया जाता है।
डीएम देवेंद्र कुमार पांडेय ने बताया कि कुलदीप सिंह सेंगर के प्रकरण में रिपोर्ट आई थी और मई के महीने में कुलदीप सिंह सेंगर के वकील द्वारा न्यायालय में अपना पक्ष प्रस्तुत किया गया था। वहीं जून और जुलाई में वकीलों की हड़ताल रही है, जिसकी वजह से न्यायिक कार्य बाधित रहा है।
डीएम ने बताया कि असलहे के निरस्तीकरण के मामले में उसमें पहले से आज की डेट लगी हुई है। उस पर न्यायालय में सुनवाई करके समुचित निर्णय न्यायालय द्वारा लिया जाएगा।
भाई का लाइसेंस हो चुका है निरस्त
वहीं डीएम ने बताया कि कुलदीप सिंह सेंगर के भाई जयदीप सिंह उर्फ अतुल सिंह के लाइसेंस निरस्तीकरण की कार्रवाई पहले ही की जा चुकी है।