स्पोर्ट्स डेस्क. भारतीय दिग्गज बल्लेबाज सचिन तेंदुलकर ने भारत की Under-19 क्रिकेट टीम के विश्व कप विजेता न बनने की खामियां गिनाई उनका मानना है कि भारत जीत सकता था अगर वह अपने एग्रैशन पर काबू रखती। भारतीय टीम के खिलाडिय़ों ने बांग्लादेश के खिलाफ खेले गए फाइनल मुकाबले में कई बार आक्रमक रुख दिखाया था। भारतीय स्पिनर रवि बिश्नोई तो इस दौरान शाब्दिक जाल में भी उलझ गए थे।सचिन तेंदुलकर ने कहा- भारतीय खिलाडिय़ों ने फाइनल में जिस तरह का रवैया दिखाया वह ठीक नहीं था। सचिन ने कहा- कोई केवल व्यक्तियों को पढ़ाने का प्रयास कर सकता है, लेकिन फिर बहुत कुछ व्यक्ति के चरित्र पर निर्भर करता है। हमें कुछ परिस्थितियों को नियंत्रित करने में सक्षम होना चाहिए। यह नहीं भूलना चाहिए कि पूरी दुनिया आपको देख रही है। आपको कुछ बातों का पालन करना होता है। मैच दौरान आक्रामक होने की जरूरत होती है लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि आप मुखर हो जाए और कहें आप आक्रामक हैं।
सचिन तेंदुलकर बोले- यहां हर कोई आक्रामक है। अगर कोई कुछ नहीं कहता है या अगर कोई कुछ नहीं करता है तो इसका मतलब यह नहीं है कि वह आक्रामक नहीं है। हम सभी बाहर जाकर जीतना चाहते हैं। ऐसा करने की एक विधि है। आप लाइन पार नहीं कर सकते। ज्ञात हो कि फाइनल मैच के दौरान बांगलादेश और भारत के प्लेयर आपस में उलझ गए थे। यह देखते हुए अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद यानी आईसीसी ने बांगलादेश के तीन खिलाडिय़ों- तौहीद ह्रदॉय, शमीम हुसैन और रकीबुल हसन और भारत के दो खिलाडिय़ों- आकाश सिंह और रवि बिश्नोई को को कड़ी चेतावनी दी थी।