नई दिल्ली. विधि विरुद्ध क्रियाकलाप निवारण (UAPA) संशोधन बिल पर समाजवादी पार्टी लोकसभा में बिखर गई। बिल पर हुए मत विभाजन के दौरान अखिलेश यादव सदन में नहीं थे, अन्य सांसदों ने बिल के विरोध में बहिष्कार किया। जबकि मुलायम सिंह यादव ने बिल के पक्ष में वोट कर सरकार का साथ दिया। संशोधन पर वोटिंग के दौरान मुलायम तीन बार बिल के पक्ष में खड़े हुए। इस दौरान भाजपा सांसद बीरेंद्र सिंह मस्त और बृजभूषण शरण सिंह ने मुलायम को खड़े होने में मदद की।
बुधवार को पेश हुए UAPA संशोधन बिल का विपक्ष ने तीखा विरोध किया। चर्चा के बाद विपक्ष ने बिल का बहिष्कार करने का फैसला किया। इस दौरान अखिलेश सदन में नजर नहीं आए। दो सांसद विपक्ष के साथ वाकआउट गर गए। हालांकि इस दौरान अस्वस्थ चल रहे मुलायम विपक्ष की आगे वाली सीट पर बैठे रहे। इसी बीच विपक्ष के बहिष्कार के कारण कारण मुलायम के पास वाली सीटें खाली हो गई। बिल और मतविभाजन के दौरान इन सीटों पर मुलायम की बाईं ओर मस्त तो दाईं ओर बृजभूषण बैठ गए।
पहले जब बिल पर मतदान शुरू हुआ तो मस्त और बृजभूषण ने बिल के पक्ष वाली पर्ची पर मुलायम को हस्ताक्षर कराने में मदद की। विपक्ष की ओर से दिए गए संशोधनों पर सदस्यों को खड़ा कर मतदान कराने का फैसला किया गया। इसके बाद स्पीकर ने जैसे ही कहा कि संशोधन का विरोध करने वाले सदस्य खड़े हो जाएं तो मस्त और बृजभूषण ने मुलायम की बांह पकड़ कर उन्हें खड़ा किया। यह सिलसिला तीन बार चला।
शून्यकाल में अखिलेश ने दिखाए तेवर
इससे पहले अखिलेश ने शून्यकाल के दौरान अपने तेवर दिखाए। उन्होंने पाकिस्तान मामले में सरकार पर दबाव में झुकने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि सरकार को बताना चाहिए कि उसने पाकिस्तानी सीमा से लड़ाकू विमान हटाए हैं या नहीं। अमेरिकी राष्ट्रपति के कश्मीर विवाद पर मध्यस्थता संबंधी पीएम मोदी की पेशकश संबंधी दावे को अखिलेश ने बेहद गंभीर बताया।