न्यूज़ डेस्क | नवप्रवाह न्यूज़ नेटवर्क
बलिया में सोमवार रात मारे गए पत्रकार रतन सिंह के पिता विनोद सिंह ने कहा है कि जब तक मेरे बेटी की मौत के लिए जिम्मेदार फेफना के तत्कालीन थानाध्यक्ष की गिरफ्तारी नहीं हो जाती, वो अपने बेटे की अर्थी नहीं उठने देंगे.
बलिया में टीवी चैनल के पत्रकार रतन सिंह की हत्या के मामले में पिता ने फेफना के तत्कालीन थानाध्यक्ष (एसओ) पर गंभीर आरोप लगाए हैं। पत्रकार का शव घर पहुंचते ही वहां चीख-पुकार मच गई। पिता विनोद सिंह ने एसओ शशिमौलि पांडेय गिरफ्तारी की मांग करते हुए कहा जब तक उसको पकड़ा नहीं जाता वे बेटे की अर्थी उठने नहीं देंगे। उन्होंने कहा कि इस हत्याकांड के लिए सीधे तौर पर फेफना के एसओ जिम्मेदार हैं।
– मुख्यमंत्री ने की 10 लाख रुपए आर्थिक मदद की घोषणा
इससे पहले सुबह मुख्यमंत्री ने रतन सिंह के परिजनों को दस लाख रुपये आर्थिक मदद देने की घोषणा की थी। इसके बाद तय हुआ कि कृषक दुर्घटना बीमा के तहत 5 लाख की और मदद की जाएगी। वहीं जिला प्रशासन ने आश्वासन दिया है कि पत्रकार रतन सिंह की पत्नी को एक महीने के अंदर स्वास्थ्य विभाग में संविदा पर नौकरी दी जाएगी। बताया जा रहा है कि क्षेत्रीय विधायक और मंत्री उपेंद्र तिवारी ने फोन पर पत्रकार के पिता से बात की है।
इससे पहले सुबह रतन सिंह के पिता विनोद सिंह ने पुलिस की उस थ्योरी को झूठा करार दिया , जिसमें कहा जा रहा था कि यह आपसी विवाद में हत्या हुई है। आईजी ने बताया था कि जमीनी विवाद में एक पक्ष ने भूसा रखा था , तो दूसरे पक्ष ने उसी जमीन पर पुवाल लाकर रख दिया। इसी विवाद के बाद गोली चली और पत्रकार रतन सिंह की मौत हो गई।
पिता विनोद सिंह ने पत्रकारों से दावा किया है कि जिस जमीन के बारे में पुलिस बता रही है, वहां जाकर कोई भी देख ले कि पुवाल और भूसा रखा गया है या नहीं। उन्होंने कहा पुलिस पूरी तरह से झूठ बोल रही है। विनोद सिंह का कहना है कि यह आपसी रंजिश में हत्या नहीं है। मामले की सही जांच होनी चाहिए। उन्होंने स्थानीय पुलिस पर कई आरोप भी लगाए, उन्होंने कहा कि लोकल पुलिस बड़े अधिकारियों को सही जानकारी नहींहै।
– सोमवार को हुई थी गोली मार कर हत्या
सोमवार की रात करीब नौ बजे पत्रकार रतन सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. हमलावरों ने रतन को दौड़ाकर गोली मारी और वारदात को अंजाम देने के बाद भाग निकले. बताया जा रहा है कि पत्रकार रतन सिंह सोमवार को पूरे दिन जिला मुख्यालय बलिया में रहने के बाद शाम को अपने गांव चले गए. शाम को गांव में ही किसी के यहां बैठने के बाद पैदल ही वापस घर जा रहे थे।तभी घर कुछ लोगों ने उनपर फायरिंग कर दी। ग्रामीणों के मुताबिक जान बचाने के लिए रतन ग्राम प्रधान में घर में घुस गए. लेकिन हमलावरों ने पीछा नहीं छोड़ा और उन्हें तीन गोलियां मार दीं।इससे रतन की घटनास्थल पर ही मौत हो गई।