नई दिल्ली। नए साल 2020 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने कई बड़ी चुनौंतिया सामने होंगी। पीएम मोदी के सामने देश की अर्थव्यवस्था, किसान और युवाओं के रोजगार समेत कई बड़ी चुनौतियों का सामना करना होगा। सुस्त पड़ी देश की अर्थव्यवस्था की रफ्तार बढ़ाने की तमाम कोशिशों के बावजूद मोदी सरकार को कुछ खास सफलता नहीं मिल पाई है।
साल 2020 में पीएम मोदी के सामने होंगी ये 5 बड़ी चुनौतियां
किसानों की आय दोगुनी करने का लक्ष्य
सरकार ने किसानों की आमदनी 2022 तक दोगुनी करने का लक्ष्य रखा है। सर्वाधिक उत्पादकता वाले इस क्षेत्र पर देश की लगभग 58 प्रतिशत जनसंख्या निर्भर करती है। देश में कृषि का आधुनिकीकरण नहीं होना और परंपरागत कृषि पद्धतियों का चलन किसानों की आय बढ़ाने में बड़ी बाधाएं हैं। किसानों को फसल की सही कीमत मिले यह भी सही तरीके से सुनिश्चित करना होगा।
महंगाई को काबू में रखना
आरबीआई ने अनुमान लगाया है कि जनवरी से मार्च 2020 तक खाने-पीने की वस्तुओं में महंगाई बढ़ेगी। महंगाई बढ़ने से मांग प्रभावित होगी, जिससे अर्थव्यवस्था को रफ्तार देना कठिन हो जाएगा।
रोजगार के अवसर बढ़ाना
बीते समय में देशभर में छोटी कंपनियां प्रभावित हुई हैं। बड़ी कंपनियों में भी नौकरी के अवसर घटे हैं। देश के श्रमबल में बेरोजगारी की दर 2017-18 में 6।1 % थी, जो 45 साल का उच्चतम स्तर था।
बढ़ता राजकोषीय घाटा
अर्थव्यवस्था में सुस्ती की वजह से कर संग्रह घटा है। ताजा आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार सरकार का राजकोषीय घाटा वार्षिक लक्ष्य के 107 प्रतिशत तक पहुंच गया है। चालू वित्त वर्ष में घाटे को सकल घरेलू उत्पाद के 3।4 प्रतिशत तक रखने का लक्ष्य है। यह लक्ष्य पाना सरकार के लिए मुश्किल होगा। बढ़ता राजकोषीय घाटा अर्थव्यवस्था को बुरी तरह प्रभावित करता है। इससे ब्याज-दरों के साथ महंगाई भी बढ़ती है। राजकोषीय घाटे को कम रखना बड़ी चुनौती होगा।
निजी निवेश को आकर्षित करना
वित्त वर्ष 2015 में निजी निवेश की दर 30।1 फीसदी थी। 2019 में यह 28।9 फीसदी रह गई है। आंकड़ों की मानें तो निजी व सरकारी निवेश बीते14 साल के न्यूनतम स्तर पर है।