सुजीत कुमार मिश्रा | navpravah.com
बिहार के सीतामढ़ी जिले में मज़दूरों को रीगा चीनी मिल से निकाले जाने का मामला सामने आया है। बताया जा रहा है कि मिल प्रबंधन की मनमानी चरम पर है। मिल प्रबंधन ने रविवार देर शाम बिना कोई सूचना के सभी कामगारों को 2 महीने के लिए काम से हटा दिया है। लॉकडाउन के दौरान लिए गए इस निर्णय से कामगारों में हड़कंप मच गया है।
सीतामढ़ी के इस चीनी मिल में लगभग ६०० मज़दूर काम करते हैं। प्रबंधन के इस निर्णय से मज़दूरों पर कहर टूट पड़ा है। प्रबंधन की ओर से 11 मई से 11 जुलाई तक सभी तरह की सेवाओं पर पूरी तरह पाबंदी लगा दी गई है। प्रबंधन के इस निर्णय से लगभग 600 परिवार प्रभावित हुआ है।
स्थानीय सूत्र ने बताया कि मज़दूरों को इस बात की जानकारी तब मिली, जब वे मिल पर पहुंचे। वहां पहुंचने के बाद मज़दूरों ने देखा कि मिल के गेट पर चार पन्नों की एक नोटिस चस्पा थी।
इसके बाद यूनियन नेता के नेतृत्व में सभी कामगार चीनी मिल के मुख्य गेट के पास हंगामा करने लगे। करीब एक घंटे तक कामगार हंगामा करते रहे, लेकिन प्रबंधन की ओर से कोई नहीं आया और ना ही कोई एक्शन लिया गया। इसे रीगा मील वर्कर्स यूनियन ने बहुत बड़ा अन्याय बताते हुए मुख्यमंत्री, श्रम मंत्री, गन्ना मंत्री के अलावा जिला पदाधिकारी को पत्र भेजकर तत्काल कदम उठाने की मांग की।
हालाँकि अभी तक प्रबंधन की तरफ से मज़दूरों को कोई भी जवाब नहीं दिया गया। सभी मज़दूर इसलिए भी परेशान हैं कि उनके पास पैसे नहीं हैं और इस लॉकडाउन में कैसे वे अपने परिवार का पालन पोषण करेंगे।