उत्तर प्रदेश ।। सोनभद्र में नरसंहार के पीडितों से मिलने जा रहीं प्रियंका गांधी को शुक्रवार की दोपहर मीरजापुर जिला प्रशासन ने कस्टडी में ले लिया। इससे पूर्व वाराणसी ट्रामा सेंटर से प्रियंका का काफिला जैसे ही मीरजापुर के रास्ते सोनभद्र रवाना हुआ वैसे ही नारायणपुर के पास उनको रोक दिया गया। रोके जाने के विरोध में प्रियंका और कांग्रेसी नेता मौके पर ही धरने पर बैठ गए।
कांग्रेस महासचिव के सड़क पर ही धरना शुरु करने की सूचना के बाद प्रशासन के माथे पर बल पड़ गया और आला अधिकारियों की सक्रियता बढ़ गई। पुलिस प्रशासन प्रियंका संग कांग्रेसियों को निषेधाज्ञा लागू होने की जानकारी देकर धरना खत्म कराने के लिए मनाने में जुटा रहा।
वहीं जानकारी होने के बाद मौके पर कांग्रेसियों का जमावड़ा भी शुरु हो गया, जबकि कानून व्यवस्था का हवाला देते हुए दोपहर 12 बजे SDM चुनार की गाड़ी पर कस्टडी में लेकर प्रियंका गांधी को धरना स्थल से हटाया गया। कस्टडी में लेने के बाद उनको मीरजापुर जिला प्रशासन ने चुनार किला स्थित डाक बंगले में भेज दिया।
कस्टडी में लिए जाने के बाद चुनार गेस्ट हाउस पहुंची प्रियंका वाड्रा ने सबसे पहले SDM से वारंट मांगते हुए पूछा कि बिना वारंट के मुझे कैसे यहां लाए हैं। इसके बाद अधिकारियों ने उनको निषेधाज्ञा लागू होने की बात कहते हुए समझाने की कोशिश की। हाईप्रोफाइल मामला होने की वजह से चुनार के लिए जिलाधिकारी व पुलिस अधीक्षक मीरजापुर भी मौके पर पहुंच रहे हैं।
नई दिल्ली से वाराणसी आने वाले इंडिगो एयरलाइंस के विमान 6इ906 से प्रियंका गांधी वाड्रा सुबह 9:50 बजे वाराणसी हवाई अड्डे पहुंचीं। प्रियंका गांधी वाड्रा ने बाबतपुर स्थित लाल बहादुर शास्त्री हवाई अड्डे पर पहुंचते ही कांग्रेस कार्यकर्ताओं से मुलाकात की और हवाई अड्डे से वह सीधा ट्रामा सेंटर रवाना हो गईं।
दरअसल प्रियंका गांधी सोनभद्र नरसंहार में गंभीर रुप से घायलों से मिलने ट्रामा सेंटर पहुंचीं। प्रियंका के पहुंचने से पहले ट्रामा सेंटर छावनी में तब्दील कर दिया गया और सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई। प्रियंका ने कहा कि घायल परिजन दिनेश को देखा और पूछी कहां चोट लगी है, घायल ने बिना अपनी चोट दिखाई तो दिनेश के पिता से हालचाल और इलाज के बारे में पूछा।