वर्ल्ड डेस्क. Jammu and Kashmir में Article 370 को निष्प्रभावी किए जाने के फैसले के खिलाफ पाकिस्तान को किसी भी देश का समर्थन नहीं मिल रहा है। उसकी अपील पर संयुक्त राष्ट्र (यूएन) भी कश्मीर मसले में हस्तक्षेप से इंकार कर चुका है। इसके बाद पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी की मायूसी खुलकर सामने आई।
विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने पत्रकारों से कहा कि इस गलतफहमी में न रहें कि सुरक्षा परिषद में कोई हमारे लिए हार लेकर खड़ा है। वहां कोई हमारे समर्थन में कुछ नहीं बोलेगा।
कुरैशी ने रविवार को कहा, भावनाओं को हवा देना और आपत्तियां जताना बहुत आसान है। हालांकि, इस मुद्दे को समझना और आगे लेकर जाना काफी मुश्किल है। वे (यूएन) आपके लिए हार लेकर नहीं खड़े हैं। पी-5 में कोई भी सदस्य अवरोध खड़ा कर सकता है। हमें बेवकूफ नहीं बनना चाहिए।
संयुक्त राष्ट्र के पी-5 में शामिल रूस पहले ही भारत के फैसले को संवैधानिक ढांचे के अंतर्गत बचा चुका है। गृह मंत्री अमित शाह ने 5 जुलाई को Article 370 हटाने और Jammu And Kashmir और लद्दाख को अलग-अलग प्रदेश बनाने का प्रस्ताव पेश किया था। जिसे संसद और राष्ट्रपति की ओर से मंजूरी मिल चुकी है।
यूएन में चीन हमारा समर्थन करेगा
दूसरी ओर, अमेरिका ने अभी तक कश्मीर मुद्दे पर किसी का पक्ष नहीं लिया है। हालांकि, चीन इस मसले पर चिंता जता चुका है। पिछले हफ्ते चीन यात्रा के बाद कुरैशी ने दावा किया था कि चीन कश्मीर को लेकर सुरक्षा परिषद में हमारा समर्थन करेगा। उन्होंने पाक के सभी राजनीतिक दलों से एकजुटता दिखाने की अपील की थी।
पिछले दिनों पाकिस्तान ने भारत के साथ द्विपक्षीय संबंधों में कटौती, कारोबारी रिश्ते खत्म करने, समझौता एक्सप्रेस और बस सेवा रोकने और भारतीय फिल्मों को प्रतिबंधित करने का फैसला किया है। हालांकि, भारत पहले ही स्पष्ट कर चुका है कि Jammu and Kashmir देश का अभिन्न अंग है और यह पूरी तरह से आंतरिक मुद्दा है। पाकिस्तान को एकतरफा फैसले लेने पर विचार करना चाहिए।