नई दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ और कुछ अन्य मुद्दों पर बुधवार को बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में कांग्रेस शामिल नहीं हुई और उसने कहा कि अगर सरकार चुनाव सुधारों को लेकर कोई कदम उठानी चाहती है तो वह संसद में इस विषय पर चर्चा कराए। पार्टी सांसद गौरव गोगोई ने लोकसभा एवं राज्यों की विधानसभा के एकसाथ चुनाव कराने को लेकर भाजपा पर दोहारा मापदंड अपनाने का आरोप लगाते हुए यह भी कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को बैठक में शामिल होने का निमंत्रण मिला था, लेकिन वह खेद प्रकट करते हुए इसमें शामिल नहीं हुए।
गोगोई ने संवाददाताओं से कहा, ”हम भी चाहते हैं कि चुनाव प्रक्रिया में सुधार हो। हमने गुजरात में राज्यसभा की दो सीटों पर एकसाथ उपचुनाव कराने की मांग की है। हमने कहा है कि मत पत्र से चुनाव कराए जाएं। हमने यह मुद्दा उठाया है कि इस चुनाव में बेतहाशा पैसे खर्च किए गए। दिक्कत है कि प्रधानमंत्री विपक्ष की बातों को नजरअंदाज करते हैं।
उन्होंने कहा, ”एक राष्ट्र, एक चुनाव संविधान से जुड़ा विषय है। अगर सरकार चाहे तो चुनाव सुधार को लेकर संसद में चर्चा करा सकती है। कांग्रेस नेता ने भाजपा पर दोहरा मापदंड अपनाने का आरोप लगाते हुए कहा, ”यह वही सरकार है जो गुजरात और हिमाचल प्रदेश का चुनाव का एक साथ नहीं करा पाई। लोकसभा चुनाव कई चरणों में कराए गए। गुजरात में राज्यसभा की दो सीटों पर एकसाथ उपचुनाव नहीं करा पा रही है। ये लोग अपनी सहूलियत के हिसाब से सबकुछ करते हैं।
एक सवाल के जवाब में गोगोई ने कहा कि जिन दलों के नेता इस बैठक में शामिल हुए हुए हैं, उनकी अपनी सोच है। कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक पार्टी नेतृत्व ने वरिष्ठ नेताओं एवं कुछ सहयोगी दलों के नेताओं से बातचीत करने के बाद सर्वदलीय बैठक में शामिल नहीं होने का फैसला किया।
वैसे, इस मुद्दे पर कांग्रेस एवं सहयोगी दलों की बुधवार सुबह संसद भवन में बैठक होने वाली थी, लेकिन कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के जन्मदिन से जुड़े कार्यक्रम की वजह से यह बैठक नहीं हो सकी। कांग्रेस के अलावा विपक्ष के प्रमुख नेताओं में बसपा अध्यक्ष मायावती, समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव और तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष ममता बनर्जी ने बैठक में हिस्सा नहीं लिया। हालांकि वाम दलों की ओर से माकपा के महासचिव सीताराम येचुरी, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार एवं अन्य नेता इसमें शामिल हुए।
कांग्रेस अतीत में भी ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव के विचार का विरोध करती आई है। उल्लेखनीय है कि मोदी ने लोकसभा और सभी विधानसभाओं के चुनाव एक साथ कराने तथा महात्मा गांधी की 150वीं जयंती के आयोजन सहित अन्य मुद्दों पर सर्वदलीय बैठक बुलायी।