एनपी न्यूज़ डेस्क | Navpravah.com
सर्वे की मानें तो राजग और संप्रग को बहुमत मिलते हुए दिखाई नहीं दे रहा है। ऐसे में साफ हो गया है कि अगर सरकार बनानी है तो अन्य दलों का समर्थन प्राप्त करना जरूरी होगा।
चुनाव आयोग ने 17वीं लोकसभा के लिए चुनावों का ऐलान कर दिया है। इसी बीच एबीपी न्यूज और सी-वोटर्स ने मिलकर एक सर्वे किया है, जिसमें उन्होंने देश की मौजूदा राजनीतिक गतिविधियों का जिक्र किया और बताया कि आखिर देश किस गठबंधन को तवज्जो दे रहा है। बता दें कि 543 लोकसभा सीटों के लिए 11 अप्रैल से लेकर 19 मई तक वोटिंग होगी और 23 मई को नतीजे समाने आएंगे।
23 मई के दिन देश को नया प्रतिनिधि मिल जाएगा। हालांकि, चुनाव से पहले सभी राजनीतिक दलों ने अपनी-अपनी जीत के दावे किए हैं। इन्हीं दावों को लेकर आपके सामने पेश है- चुनावी सर्वे। सर्वेक्षण के मुताबिक साल 2014 में पूर्ण बहुमत हासिल करने वाली बीजेपी नीत राजग को इस बार थोड़ा नुकसान होता हुआ दिखाई दे रहा है। दरअसल, एनडीए के खाते में 264 सीट तो वहीं पिछली बार की तुलना में अपना प्रदर्शन बेहतर करने वाली संप्रग के पाले में 141 सीटें मिलने के अनुमान सामने आ रहे हैं। जबकि अन्य दलों के खाते में 138 सीटें दिखाई दे रही हैं।
सर्वे की मानें तो राजग और संप्रग को बहुमत मिलते हुए दिखाई नहीं दे रहा है। ऐसे में साफ हो गया है कि अगर सरकार बनानी है तो अन्य दलों का समर्थन प्राप्त करना जरूरी होगा।
एक नजर राजनीतिक दलों के वोट प्रतिशत पर-
सी-वोटर्स ने जारी किए गए सर्वे में साफ कर दिया कि संप्रग की तुलना में राजग का वोट प्रतिशत महज दस फीसदी ही ज्यादा है। ऐसे में राजग के खाते में 41 फीसदी, संप्रग के पाले में 31 तो अन्य के खाते में 28 फीसदी वोट जाते हुए दिखाई दे रहा है।
उत्तर प्रदेश से होकर जाता है दिल्ली की गद्दी का रास्ता-
80 लोकसभा सीटों वाले राज्य उत्तर प्रदेश ही एकलौता ऐसा राज्य है जहां पर ज्यादा सीटें जीतने वाली राजनीतिक पार्टी की केंद्र में सरकार बनाने की संभावनाएं बढ़ जाती हैं। मौजूदा हालातों को लेकर सी-वोटर्स ने सर्वे किया तो सामने आया कि अगर अभी चुनाव होते हैं तो संप्रग महज 4 सीटों पर सिमट कर रह जाएगा। जबकि 74 सीटें जीतने का दावा करने वाली राजग को भारी नुकसान होगा और वह महज 29 सीटें ही जीत पाएगा। ऐसे में सबसे ज्यादा सफल सपा और बसपा को मिलता हुआ दिखाई दे रहा है। बता दें कि चुनावों को लेकर सपा-बसपा और आरएलडी के बीच हुए गठबंधन के बाद प्रदेश में वोट प्रतिशत बढ़ा है, जिसकी वजह से ये दल 47 सीटें जीतते हुए दिखाई दे रहे हैं।
UP के बाद बिहार पर रहती है सबकी नजर-
उत्तर प्रदेश में भले ही राजग को बड़ा झटका लगता हुआ दिखाई दे रहा है लेकिन उसकी भरपाई वह पड़ोसी राज्य बिहार में करते हुए दिखाई दे रहा है। बिहार की 40 लोकसभा सीटों के लिए अगर अभी चुनाव होते हैं तो राजग के खाते में 36 सीटें आएंगी तो आरजेडी को महज 4 सीटें ही मिलेंगी। दरअसल, बिहार को लेकर राजग में बीजेपी के साथ जदयू और लोजपा शामिल है।
पश्चिम बंगाल में सीटों की तलाश में नजर आ रही बीजेपी-
48 सीटों वाले राज्य पश्चिम बंगाल में 7 चरणों में चुनाव होंगे। ऐसे में सामने आए सर्वे में पता चलता है कि भारतीय जनता पार्टी अभी भी यहां पर सीटें तलाश करने में लगी हुई है। 2014 के आम चुनावों में जहां बीजेपी के खाते में महज 2 सीटें आईं थी ऐसे में सर्वे से पता चला कि बीजेपी प्रदेश की 8 सीटों पर अपना दबदबा बनाए हुए है। वहीं, मुख्यमंत्री के तौर पर प्रदेश की पहली पसंद रहीं ममता को हरा पाना मुश्किल लग रहा है। यही वजह है कि तृणमूल कांग्रेस 34 सीटें हासिल करती दिख रही है जबकि वामपंथियों का तो सूपड़ा ही साफ होता नजर आ रहा है।