लखनऊ।। पीएम मोदी द्वारा बीएसपी अध्यक्ष मायावती पर सम्पत्तियों को लेकर लगाये गए आरोपों पर बीएसपी अध्यक्ष मायावती ने करारा जवाब दिया है। मायावती ने बुधवार को लखनऊ में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मोदी सरकार को दलित विरोधी करार दिया है। उन्होंने कहा कि भाजपा दलितों को गुमराह कर रही हैं। उन्होंने लोगों से अपील की कि वो भाजपा के बहकावे में न आयें।
प्रधानमंत्री मोदी द्वारा बेनामी संपत्ति को लेकर लगाये आरोप के जवाब में पलटवार करते हुए मायावती ने कहा कि “पीएम मोदी शालीनताओं को पार कर चुके हैं, वह बीएसपी को ‘बहनजी की संपत्ति पार्टी’ कहने में घबराते नहीं हैं। बीएसपी की राष्ट्रीय अध्यक्ष के पास जो कुछ भी है, वह शुभचिंतकों और समाज के लोगों ने दिया है और सरकार से कुछ भी छिपा नहीं है। सबसे ज्यादा बेनामी संपत्ति वाले लोग बीजेपी से जुड़े हैं। इनका हिसाब-किताब कालीन के अंदर छिपा है।” उन्होंने यह भी कहा कि “जनहित और देशहित के मामले में बीएसपी अध्यक्ष फिट हैं और इसकी तुलना में मोदी अनफिट हैं।”
मायावती ने कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी सिर्फ कागजों पर ही ईमानदार नजर आते हैं, ठीक OBC के दावे की तरह। मोदी वास्तव में कुछ हैं और जनता के सामने कुछ और बनने की कोशिश करते हैं। इनका हिसाब-किताब कालीन के अंदर छिपा रहता है। मायावती ने कहा कि भाजपा और प्रधानमंत्री मोदी ने पिछले 5 साल में BSP को बदनाम करने की हर कोशिश की, लेकिन विफल रही, क्योंकि उनका हिसाब खुली किताब की तरह है।
मायावती ने यह भी कहा कि विदेश से कालाधन न ला पाने के पीछे पीएम मोदी की क्या राजनीति है, यह देश अच्छी तरह जानता है। मायावती ने पीएम मोदी के ‘दलित की नहीं दौलत की बेटी’ के आरोप पर कहा कि यह उनका असली चेहरा दिखाता है। जिनकी मानसिकता दलितों के प्रति घोर जातिवादी है। ये लोग सदियों से पीड़ित शोषित समाज को थोड़ा भी आगे बढ़ना नहीं देखना चाहते। आरक्षण का विरोध करते हैं, जिसमें भाजपा नंबर एक पर है।
मायावती ने कहा कि मैं यूपी की 4 बार मुख्यमंत्री रही हूँ, लेकिन मेरी शानदार विरासत रही है। “नरेंद्र मोदी जब गुजरात के मुख्यमंत्री थे, उस वक्त मैं उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री थी। उनका शासनकाल भाजपा और देश की संप्रभुता पर एक काला धब्बा है, जबकि हमारी सरकार में उत्तर प्रदेश दंगों और अराजकता से मुक्त था। बीएसपी सरकार के समय यूपी की कानून और शासन व्यवस्था की लोग आज भी तारीप करते नहीं थकते, जबकि मोदी का गुजरात में ही नहीं पीएम के रूप में भी कार्यकाल नफरत, घृणा और अराजकता से भरा रहा है। वह पब्लिक ऑफिस होल्ड करने में विफल रहे हैं।”
मायावती ने कहा कि नरेंद्र मोदी सरकार सत्ता में आने के पहले दिन से ही गरीब, मजदूर व किसान विरोधी और बड़े-बड़े पूंजीपति व धन्नासेठ समर्थक नीति पर चल रही है। इसी क्रम में इन्होंने घोर किसान विरोधी नया भूमि अधिग्रहण कानून बनाने की भी पूरी कोशिश की, लेकिन आखिर में इनको अपने कदम पीछे खींचने पड़े। स्वयं को दूध का धुला व दूसरों को गलत व भ्रष्ट मानने का ही परिणाम था कि इन्होंने अपरिपक्व तरीके से नोटबंदी व GST को देश पर थोप दिया। जबकि इनके चहेते लोग जनता का बैंकों में जमा धन गबन करके विदेश भाग गये। यह सब मोदी सरकार की सरकारी मिलीभगत का ही परिणाम था।
गौरतलब है कि पीएम नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को विजय संकल्प रैली में विपक्ष पर निशाना साधते हुये कहा था कि “महामिलावटी लोगों के पास नामी और बेनामी संपत्तियों का अंबार लगा है। महामिलावटी लोगों ने राजनीति के नाम पर अपने और अपने रिश्तेदारों के लिए बंगले खड़े किये। एजेंसियां इसका हिसाब ले रही हैं। इसीलिए ये लोग एक-दूसरे के साथ आने को मजबूर हो गये हैं।”