लखनऊ।। वाराणसी में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी का रोड शो बुधवार की शाम शुरू हुआ। यहाँ से कांग्रेस प्रत्याशी अजय राय के समर्थन में इस मेगा शो को ऐतिहासिक बनाने के लिये कांग्रेस संगठन ने दिन-रात एक कर दिया है। शाम साढे 6 बजे से लंका स्थित सिंह द्वार से रोड शो शुरु हुआ जाे रविदास गेट, अस्सी, भदैनी, सोनारपुरा होते हुए गोदौलिया तक पहुंचेगा। इसमें 5 साल का जनता का दर्द बताती झांकियां भी शामिल की गई हैं। रोड शो के समापन के बाद प्रियंका गांधी श्रीकाशी विश्वनाथ व बाबा काल भैरव मंदिर में दर्शन-पूजन भी करेंगी।
शाम 6.20 बजे प्रियंका गांधी लंका गेट पर पहुंचीं अौर चौराहे पर स्थित पं. महामना मदन मोहन मालवीय की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। माल्यार्पण के बाद साढे छह बजे रोड शो शुरु हो गया जिसमें कांग्रेसी कार्यकर्ताओं का हुजूम उमड़ पड़ा। रास्ते में कांग्रेस पार्टी जिंदाबाद, प्रियंका गांधी जिंदाबाद के साथ विरोधियों पर तंज कसते नारों से सड़क गूंज उड़ी तो कांग्रेसी भी उत्साह के साथ लगभग पांच किलोमीटर के इस रोड शो में शामिल हो गए। वहीं रास्ते में एक लड़का बेहोश होकर सड़क पर गिर पड़ा तो रोड शो में शामिल लोग उसे तुरंत हॉस्पिटल ले गए। इस दौरान प्रियंका गांधी भी वाहन से उतर कर युवक को देखने गईं। रात करीब साढे सात बजे प्रियंका का रोड शो अस्सी क्षेत्र पहुंचा तो कार्यकर्ताओं ने उनके स्वागत में नारे भी लगाए। वहीं रात 7:50 बजे प्रियंका का काफिला भदैनी पहुंचा तो कांग्रेसी नेता मोहन प्रकाश के घर भी थोडी देर ठहरीें।
जगह जगह हो रहा स्वागत
रोड शो से पूर्व शाम होते ही सोनारपुरा पर कांग्रेस पदाधिकारियों के नेतृत्व में कार्यकर्ताओं का हुजूम रोड शो में उमड़ पड़ा। वहीं मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्र शिवाला में मुस्लिमों की भीड़ भी इस रोड शो का स्वागत करने के लिए मौजूद रहे। पूर्व राष्ट्रीय महासचिव मोहन प्रकाश के भदैनी स्थित आवास के सामने पुराने कांग्रेसियाें की जुटान प्रियंका गांधी के स्वागत के लिए हुई तो वहीं रास्ते में दंडी संन्यासी भी प्रियंका को आशीर्वाद देने के लिए मौजूद हैं।
भाजपा कार्यकर्ता की पिटाई
प्रियंका गांधी के रोड शो से पहले लंका गेट के पास भाजपा कार्यकर्ता की कांग्रेसियों ने पिटाई कर दी। पूरा मामला रोड शो के शुरुआत की जगह लंका चौराहे की है। यहां पर कांग्रेसी कार्यकर्ता ‘चौकीदार चोर है’ के नारे लगा रहे थे। नारे पर भाजपा कार्यकर्ता चंद्रशेखर ने गुस्से में प्रियंका और राबर्ट वाड्रा के खिलाफ अपशब्द कहा तो कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने उसे जमकर पीट दिया। विवाद बढ़ता देखकर लंका पुलिस उसे थाने ले गई। पेशे से अधिवक्ता भाजपा कार्यकर्ता संग मारपीट किए जाने से कुछ देर तक कार्यक्रम स्थल पर विवाद की स्थिति बनी रही। वहीं सुरक्षा कारणों से अस्सी पर नमो अगेन की टी शर्ट पहने लगभग 20 लोगों से सीओ भेलूपुर अनिल कुमार ने टी शर्ट उतरवा लिया। वहीं भाजपा का झंडा लिए भाजपा कार्यकर्ताओं के साथ भी कांग्रेस के कार्यकर्ताओं की झड़प रोड शो के दौरान हुई है, इस दौरान कांग्रेस के विरोध में भाजपा कार्यकर्ताओं ने नारे भी लगाए।
जिस रूट पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का रोड शो हुआ था उसी रूट पर प्रियंका के रोड शो का रास्ता भी चुना गया है। कांग्रेस संगठन इसे पीएम मोदी को चुनौती पेश करने के तौर पर देख रहा है। इसी रणनीति पर तैयारी भी हो रही है। संगठन के पदाधिकारी दावा कर रहे हैं कि मोदी के रोड शो से किसी भी स्तर पर प्रियंका का रोड शो कमतर नहीं होगा। रोड शो की थीम गंगा-जमुनी तहजीब पर आधारित है। रास्ते में झांकियां भी होंगी जो किसी नारे विशेष पर आधारित रहेंगी। मसलन, मैं दुखियारी-नोटबंदी की मारी, बंद करो धर्म का व्यापार-काशी नहीं सहेगा अत्याचार, मैं कर्जदार किसान, मेरा व्यापार-नहीं सहेगा जीएसटी की मार आदि की झांकियां प्रस्तुत की जाएंगी। रोड शो के दौरान प्रियंका गांधी ने लंका पर पं. महामना मदन मोहन मालवीय की प्रतिमा पर माल्यार्पण कीं वहीं मैदागिन पर भी प्रियंका गांधी अपने पिता स्व. राजीव गांधी की प्रतिमा पर माल्यार्पण करेंगी।
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के कार्यक्रम को लेकर बदलाव
जहां पहले 15 मई को बनारस आगमन पर एक दिन प्रवास की बात संगठन की ओर से की जा रही थी, वहीं अब देर रात प्रियंका गांधी दिल्ली लौट जाएंगी। मीडिया प्रभारी प्रो. सतीश राय ने बताया कि प्रियंका गांधी दोहपर डेढ़ बजे विमान से बाबतपुर स्थित शास्त्री एयरपोर्ट आकर 1.35 बजे सलेमपुर के लिए प्रस्थान करेंगी। वहां सभा संबोधित करने के बाद दोपहर 3.30 बजे बाबतपुर एयरपोर्ट लौटेंगी, जहां एक घंटे का समय रिजर्व रखा गया है। बाबतपुर से 4.35 बजे प्रस्थान कर वह काशी हिन्दू विश्वविद्यालय आएंगी, जहां सिंह द्वार स्थित मालवीय प्रतिमा स्थल से उनका रोड शो आरंभ होगा। इससे पहले लंका पर मौजूद लोगों को संक्षिप्त संदेश देंगी। संक्षिप्त संबोधन से संदेश दे सकती हैं। वहीं पूर्व विधायक व कांग्रेस प्रत्याशी अजय राय का दावा है कि अन्य दलों की तरह प्रियंका गांधी के रोड शो में कोई बाहरी नहीं होगा। इसमें सिर्फ बनारस के लोग ही शामिल रहेंगे। इसके लिए गांव-गांव व शहर के हर मुहल्लों में कार्यकर्ता पहुंच रहे हैं और रोड शो में शामिल होने के लिए आमंत्रित कर रहे हैं।
पं. महामना मदन मोहन मालवीय की प्रतिमा पर माल्यार्पण
1)- लंका : लंका क्षेत्र प्राचीन काशी का महत्वपूर्ण स्थल है। प्राचीन रामलीला के दौरान इस क्षेत्र में लंका का निर्माण किया जाता था। इस वजह से रामलीला का यह प्रमुख स्थल लंका के नाम से ही पहचाना जाने लगा। इस वजह से आज भी यही पहचान क्षेत्र की बनी हुई है। यहीं पर महामना मदन मोहन मालवीय ने सर्वविद्या की राजधानी की कल्पना को मूर्तरुप दिया और काशी हिन्दू विश्वविद्यालय की स्थापना की थी। लंका पर ही पं. महामना मदन मोहन मालवीय की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर रोड शाे की शुरुआत प्रियंका गांधी करेंगी।
2)- अस्सी घाट: काशी में असि घाट या अस्सी घाट महत्वपूर्ण प्राचीन घाटों में से एक माना जाता है। गंगा की धारा संग यह वाराणसी का पहला घाट माना जाता है। काशी की दक्षिणी सीमा पर गंगा और असि नदी के संगम को अस्सी घाट की मान्यता मिली थी। इस घाट का क्षेत्र भदैनीघाट तक विस्तृत था, मान्यता यह भी है कि गोस्वामी तुलसीदास जी ने इसी घाट पर एक गुफा में निवास कर राममचरित मानस के एक खंड की रचना करने के बाद 1680 में इसी घाट पर प्राण त्यागा था। प्रियंका गांधी का रोड शो यहां पर रात साढे सात बजे पहुंचा।
3)- शिवाला घाट: शिवाला घाट की अपनी प्राचीन मान्यता है। यहां पर माता आनंदमयी का पुराना आश्रम भी मौजूद है। माता आनंदमयी पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की गुरु थीं और काशी में इसी आश्रम में रहती थीं। पीएम नरेंद्र मोदी इस आश्रम में 2014 में जीत हासिल करने के बाद दर्शन और पूजन के लिए जा चुके हैं। यहीं पर ही महिषा सुरमर्दिनी का प्राचीन मंदिर भी शामिल है जो नवरात्रि में लोगों की आस्था का प्रमुख केंद्र बना रहता है। प्रियंका गांधी का काफिला यहां करीब 7.45 बजे पहुंचा।
4)- भदैनी : मान्यता है कि रानी लक्ष्मी बाई का यहां बचपन बीता था, वह यहीं पैदा हुई थीं। यह क्षेत्र पेशवाओं का गढ माना जाता है। इस क्षेत्र में बंगाली, मद्रासी, पेशवा मराठी सहित दक्षिण भारतीय लोगों का निवास स्थान भी माना जाता है। भदैनी में प्रियंका का काफिला 7:50 बजे पहुंचा तो कांग्रेस नेता मोहन प्रकाश के आवास पर भी थोडी देर के लिए वह ठहरीं। यहां पर दंडी स्वामियाें ने उनको आशीर्वाद भी दिया।
5)- हरिश्चंद्र घाट मार्ग : मान्यता है कि सत्यवादी राजा हरिश्चन्द्र सत्य की रक्षा के लिए काशी के इस श्मशान घाट पर स्वयं ही बिके थे, इसी कारण इस घाट का नाम हरिश्चन्द्र घाट पड़ा। यह काशी के दो श्मशान घाटों में से एक है। इस घाट पर शवदाह कब से आरम्भ हुआ इसका कोई स्पष्ट उल्लेख नहीं है, इस घाट पर 15-16वीं शताब्दी के सती स्मारक इस बात के प्रमाण हैं कि उस समय यहां श्मशान घाट था। प्रियंका गांधी का काफिला आठ बजे हरिश्चंद्र घाट मार्ग पहुंचा तो कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने उनका यहां स्वागत किया।
6)- सोनारपुरा : पुराने लोगों का मानना है कि बंगाल से दो कारोबारी मदन कुमार मुखर्जी और सोना बाबू यहां काफी पुराने समय कारोबार के उददेश्य से आये और यहीं पर बस गये। उनके नाम से ही मदनपुरा और सोनारपुरा क्षेत्र आज भी बसा हुआ है। मदनपुरा में योगी श्यामा चरण लाहड़ी का पुराना आश्रम भी है। यहीं प्राचीन दुर्गा मंदिर है जो 250 साल पुराना है। यहीं तीन प्राचीन कालेज सीएम ऐंग्लो बंगाली स्कूल, बंगाली टोला इंटर कालेज और दुर्गाचरण कन्या इंटर कालेज है। प्रियंका का काफिला देर रात 8.10 बजे सोनारपुरा पहुंचा तो उत्साही भीड़ ने उनके समर्थन में नारे भी लगाए।
7)- पांडेय हवेली : सोनारपुरा और मदनपुरा के बीच पांडेय हवेली क्षेत्र है। यहां पर तिलभांडेश्वर महादेव का प्राचीन मंदिर स्थापित है। वहीं दूसरी ओर सहस्रकाली मंदिर भी लोगों की आस्था का केंद्र है। यहां गंगा तट स्थित पांडेय घाट भी है जहां धार्मिक आयोजन नैत्यिक क्रम में होते हैं। यहां पर हिंदू और मुस्लिमों की मिश्रित आबादी निवास करती है। स्थानीय लोग परंपरागत कारोबार से जुडे हुए हैं। पांडेय हवेली क्षेत्र में प्रियंका का काफिला करीब सवा आठ बजे पहुंचा।
8)- मदनपुरा : मदन कुमार मुखर्जी के नाम पर मदनपुरा क्षेत्र बसा हुआ माना जाता है। मदनपुरा क्षेत्र काशी में काफी पुराना माना जाता है। इस क्षेत्र में पुराने काशी की काफी मुस्लिम आबादी निवास करती है। यहां पर निवास करने वाली अधिकतर मुस्लिम आबादी कारोबार और लघु उद्यम से जुडी हुई है। यहां बुनकर और सजावटी सामानों का कारोबार करने वाले लंबे समय से काशी की अर्थव्यवस्था की रीढ बने हुए हैं। साढे आठ बजे प्रियंका का काफिला मदनपुरा पहुंचा तो कार्यकर्ताओं ने उनका जोरदार स्वागत किया।
9- जंगमबाड़ी : वाराणसी शहर की पहचान विश्वभर में अपने मंदिरों, मठों, आश्रमों के लिए रही है। काशी में मठों की परंपरा काफी पुरानी है। सबसे प्रचीन मठ की बात की जाये तो यह गौरव जंगमबाड़ी मठ को प्राप्त है। पहले इस मठ को हरिकेश आनंदवन नाम से जाना जाता था। जंगमबाड़ी अर्थात शिव को जानने वालों के रहने का स्थान। मठ के सभी पीठाधिपति शैव सम्प्रदाय के अनुयायी और उसके ज्ञाता होते हैं। काशी का यह अति प्रचीन मठ अपने आप में इतिहास के कुछ उस हिस्से को समेटे हुए है जिसकी तस्वीर अमूमन लोगों को देखने के लिए नहीं मिलती है।
10- गोदौलिया : गोदौलिया क्षेत्र प्राचीन काशी का गंगा तट स्थित वह स्थान है जहां पुरानी काशी की बसावट है। गोदौलिया क्षेत्र में कई प्रमुख मंदिर स्थापित हैं साथ ही यहां काशी का पुराना दशाश्वमेध मार्केट भी मौजूद है जहां कपडों से लेकर धर्म आधारित दुकानों की बहुलता है। यह कभी शहर का पुराना बाजार हुआ करता था। दशाश्वमेध सहित कई प्रमुख घाटों पर जाने का रास्ता यहीं से हाेकर गुजरता है। बाबा दरबार का गेट भी इसी क्षेत्र में मौजूद है। प्राचीन मान्यताओं के अनुसार गुप्त गोदावरी नदी यहां से होकर बहती है। इसलिए इसका नाम अपभ्रंश हाेकर कालांतर में गोदौलिया के नाम से ही जाना जाने लगा।