जम्मू कश्मीर में किस दल के घोषणा पत्र में क्या वादे किए गए हैं? चारों की तुलना एक साथ पढ़ें

संवाददाता। navpravah.com

नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव की प्रक्रिया अब तेजी से आगे बढ़ रही है। आज 24 सीटों पर प्रचार थम जाएगा और 18 सितंबर को पहले चरण की वोटिंग शुरू होगी। यह चुनाव जम्मू-कश्मीर के राजनीतिक भविष्य के लिए महत्वपूर्ण साबित हो सकता है, क्योंकि इसमें प्रमुख दलों के बीच मुकाबला और भी तेज हो गया है। बीजेपी, कांग्रेस-नेशनल कॉन्फ्रेंस गठबंधन और पीडीपी प्रमुख दलों के तौर पर चुनावी रण में उतरे हैं, जबकि क्षेत्रीय दल और निर्दलीय उम्मीदवार भी अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। आइए विस्तार से जानते हैं कि प्रमुख दलों ने अपने घोषणापत्र में क्या वादे किए हैं और उनके चुनावी रणनीति की विशेषताएं क्या हैं।

बीजेपी के वादे-

बीजेपी ने हाल ही में जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव के लिए अपना संकल्प पत्र जारी किया है। इसमें कुल 25 वादे शामिल किए गए हैं, जो महिलाओं, युवाओं, कश्मीरी पंडितों, किसानों और आतंकवाद के खिलाफ ठोस कदम उठाने पर केंद्रित हैं। प्रमुख वादे इस प्रकार हैं:

– माँ सम्मान योजना: बीजेपी ने घोषणा की है कि जम्मू-कश्मीर के प्रत्येक घर की सबसे बुजुर्ग महिला को हर साल 18,000 रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी। इस योजना का उद्देश्य बुजुर्ग महिलाओं को सम्मानित करना और उनके आर्थिक बोझ को कम करना है।

– पंडित प्रेम नाथ डोगरा रोजगार योजना: इस योजना के तहत जम्मू और कश्मीर के युवाओं के लिए 500,000 नौकरियों का सृजन किया जाएगा। यह पहल युवाओं के लिए रोजगार के अवसर बढ़ाने और बेरोजगारी की समस्या को कम करने के लिए है।

– प्रगति शिक्षा योजना: कॉलेज के छात्रों के लिए सालाना 3,000 रुपये का यात्रा भत्ता प्रदान किया जाएगा, ताकि दूरदराज के इलाकों में रहने वाले छात्रों को बेहतर शिक्षा मिल सके और वे आसानी से अपने कॉलेज जा सकें।

– किसानों के लिए बिजली बिल में छूट: किसानों को बिजली बिल में 50% तक की छूट देने का प्रस्ताव है, जिससे सिंचाई पंप और कृषि मशीनरी का संचालन अधिक किफायती हो जाएगा।

इसके अतिरिक्त, बीजेपी का कहना है कि अनुच्छेद 370 अब अतीत की बात हो गई है और भविष्य में इसे फिर से लागू नहीं किया जाएगा। पार्टी ने जम्मू-कश्मीर का दर्जा बहाल करने का भी वादा किया है, और इसके लिए कोई भ्रम नहीं रखने की बात की है।

कांग्रेस-नेशनल कॉन्फ्रेंस गठबंधन के वादे

कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस ने एक गठबंधन के तहत चुनावी मैदान में उतरने का निर्णय लिया है। कांग्रेस 32 सीटों पर और नेशनल कॉन्फ्रेंस 51 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेगी। दोनों पार्टियों ने मिलकर सात महत्वपूर्ण गारंटियां दी हैं:

– महिला सम्मान: महिलाओं के सम्मान और उनके अधिकारों की रक्षा के लिए ठोस कदम उठाए जाएंगे।

अच्छी सेहत: स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार और अधिक सुविधाएं प्रदान की जाएंगी।

OBC का हक: पिछड़ी जातियों के अधिकारों की रक्षा की जाएगी और उन्हें उचित प्रतिनिधित्व मिलेगा।

कश्मीरी पंडितों का हक: कश्मीरी पंडितों के अधिकारों की रक्षा और उनके सम्मान की वापसी की जाएगी।

हमारी नौकरी, हमारा हक: रोजगार के अवसर बढ़ाए जाएंगे और नौकरी की स्थितियों में सुधार किया जाएगा।

– स्टेटहुड का हक: जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा देने की दिशा में काम किया जाएगा।

– हमारा अनाज, हमारा हक: खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित की जाएगी और अनाज की उपलब्धता में सुधार किया जाएगा।

नेशनल कॉन्फ्रेंस ने भी अपने घोषणापत्र में 12 प्रमुख गारंटियां दी हैं, जिसमें अनुच्छेद 370 की बहाली और जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा देने का वादा शामिल है। इसके अतिरिक्त, पार्टी ने बिजली और पानी के संकट से राहत देने, 200 यूनिट मुफ्त बिजली, और आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को हर साल 12 मुफ्त LPG सिलेंडर देने का भी वादा किया है।

पीडीपी के वादे

पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) ने 24 अगस्त को श्रीनगर में अपने घोषणापत्र की घोषणा की। पार्टी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने निम्नलिखित वादे किए हैं:

– 200 यूनिट मुफ्त बिजली: हर परिवार को 200 यूनिट मुफ्त बिजली प्रदान की जाएगी, जिससे बिजली के बिल में कमी आएगी और घरेलू खर्च कम होगा।

– पुरानी पेंशन योजना की वापसी: पेंशन योजना को फिर से लागू किया जाएगा, जिससे पुराने पेंशन लाभार्थियों को लाभ होगा।

– भर्ती प्रक्रिया को तेज करना: सरकारी नौकरी की भर्ती प्रक्रिया को तेज किया जाएगा, जिससे खाली पदों को भरने में मदद मिलेगी।

– संविदा शिक्षकों के मानदेय में वृद्धि: संविदा शिक्षकों के मानदेय में वृद्धि की जाएगी, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार होगा।

– जेल में बंद लोगों को मुफ्त कानूनी सहायता: जेल में बंद लोगों को कानूनी सहायता मुफ्त में प्रदान की जाएगी, ताकि उनके अधिकारों की रक्षा की जा सके।

पीडीपी ने शारदा पीठ के लिए मार्ग खोलने की कोशिश करने और पाकिस्तान के साथ नियंत्रण रेखा पार व्यापार की बहाली के लिए बातचीत की अपील की है। पार्टी का मानना है कि इस प्रकार के कदम सुलह और समझौते की दिशा में महत्वपूर्ण होंगे।

चुनाव की प्रक्रिया

जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव तीन चरणों में आयोजित किए जाएंगे: 18 सितंबर, 25 सितंबर, और 1 अक्टूबर को। चुनाव परिणाम 8 अक्टूबर को घोषित किए जाएंगे। यह पहली बार होगा जब जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 के हटाए जाने के बाद विधानसभा चुनाव हो रहे हैं। 2019 में जम्मू-कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित कर दिया गया था, और वर्तमान में जम्मू-कश्मीर का प्रशासन मनोज कुमार सिन्हा के हाथ में है, जो उपराज्यपाल के रूप में कार्यरत हैं।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.