विवादों में रही संजय लीला भंसाली की फिल्म ‘पद्मावत’ के खिलाफ विरोध कर रही करणी सेना ने अब अपने पैर पीछे ले लिए हैं। इस फिल्म के खिलाफ ऐतिहासिक तथ्यों के साथ तोड़-मरोड़ करने का आरोप लगाया गया था। करणी सेना ने इस फिल्म को देखने के बाद शुक्रवार को एक पत्र जारी किया, जिसमे उन्होंने अपना विरोध वापस लिया। उन्होंने यह माना कि इस फिल्म में राजपूतों की वीरता को बढ़ाकर गौरव के साथ दिखाया गया है।
करणी सेना द्वारा जारी पत्र में लिखा गया था कि दिल्ली के शासक अलाउद्दीन खिलजी और मेवाड़ी की रानी पद्मावती के बीच ऐसा कोई भी दृश्य नहीं दिखाया गया है, जिससे राजपूतों की भावनाओं को चोट पहुंचे। इसलिए, करणी सेना अपना विरोध वापस लेती है। साथ ही राजस्थान, मध्यप्रदेश और गुजरात समेत देश के सभी हिस्सों में इस फिल्म को रिलीज कराने में करणी सेना प्रशासन को मदद करेगी।
करणी सेना के मुंबई नेता योगेन्द्र सिंह ने बताया कि संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुखदेव सिंह गोगमदी के निर्देश पर कुछ सदस्यों ने यह फिल्म शुक्रवार को मुंबई में देखी और यह पाया कि इस फिल्म के अंदर राजपूतों की बहादुरी और उनकी कुर्बानी को बढ़ा-चढ़ा कर दिखाया गया है। इस फिल्म को देखने के बाद सभी राजपूत अपने आपको को गौरवान्वित महसूस करेंगे।
बता दें कि इस फिल्म के खिलाफ प्रदर्शन पिछले साल जनवरी 2016 में शुरू हुआ था, जब जयपुर में सेट के ऊपर ही भंसाली के साथ बदसलूकी हुई थी। करणी सेना के लोगों की तरफ से यह दावा किया गया कि इस फिल्म में पद्मिनी बनी दीपिका पादुकोण और अल्लाउद्दीन बने रणवीर सिंह के बीच रोमांस दिखाया गया है। जबकि फिल्म निर्माता ने इसपर कई बार स्पष्टीकरण दिया, फिर भी प्रदर्शनकारियों ने देश के कई हिस्सों में लगातार बवाल और प्रदर्शन किया। इतना ही नहीं, अभिनेत्री दीपिका पादुकोण और संजय लीला भंसाली को जान से मारने की धमकी भी दी थी।