नई दिल्ली।। भारत की राजधानी दिल्ली में बीते दिनों हुई हिंसा को लेकर सुरक्षा एजेंसिया जांच पड़ताल में जुटी हैं। इसमें जवाहरलाल यूनिवर्सिटी के पूर्व छात्र उमर खालिद एक बार फिर विवादों के घेरे में फसे हैं। इस बार 17 फरवरी को महाराष्ट्र के अमरावती में एक भाषण का वीडियो सामने आने के बाद वह जांच एजेंसियों की नजरों में आ गए हैं।खालिद ने अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के भारत दौरे से पहले महाराष्ट्र के अमरावती में कहा था कि ट्रंप को बताया जाएगा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश को बांटने की कोशिश कर रहे हैं। खालिद ने लोगों के एकजुट होने और सड़कों पर उतरने की जरूरत बताई थी। 17 मिनट के अपने भाषण में उन्होंने कहा था कि देश के हर कोने में आज एक शाहीन बाग है।
आपको बता दे, कि इसके बाद दिल्ली में नागरिकता संशोधन कानून का विरोध कर रहे लोगों ने जाफराबाद मेट्रो स्टेशन के पास शाहीन बाग दोहराने का प्लान बना लिया है। CAA विरोधियों के इस फैसले के बाद भारतीय जनता पार्टी नेता कपिल मिश्रा के नेतृत्व में CAA के समर्थकों की भीड़ भी सड़क पर आ गई। मालूम हो कि मिश्रा पर भी भड़काऊ भाषण देने का आरोप है। एजेंसियां लेफ्ट के महिला अधिकार संगठन पिंजड़ा तोड़ की महिला कार्यकर्ताओं को लेकर भी जांच कर रही हैं जिन्होंने नॉर्थईस्ट दिल्ली के स्थानीय लोगों को प्रदर्शन में शामिल करने की कोशिश की।
दिल्ली पुलिस के अनुसार इन ऐक्टिविस्ट्स ने जाफराबाद मेट्रो स्टेशन पर लोगों से 22 फरवरी को इकट्ठा होने की अपील की थी। हिंसा के बाद कई ऐक्टिविस्ट्स ने वहां इकट्ठा होने की कोशिश की लेकिन उन्हें बलपूर्वक हटा दिया गया और कइयों को गिरफ्तार भी कि गयी। दिल्ली पुलिस का स्पेशल सेल खालिद का वीडियो सामने आने के बाद हिंसा में भूमिका की जांच कर रहा है। गौरतलब है कि अभी फरेंसिक अधिकारी इस बात की जांच करेंगे कि वीडियो से कोई छेड़छाड़ तो नहीं की गई है। ज्ञात हो कि अपने भाषण में उमर खालिद ने कहा था, ‘जब अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप भारत में होंगे तो हमें सड़क पर उतरना चाहिए।