पटना।। बिहार की जेलों में कोरोना से बचने के लिये काफी कोशिशे की जा रही हैं। इसके चलते पूर्णिया स्थित केन्द्रीय कारागार में कैदियों द्वारा खुद मास्क बनाए जा रहे है। कैदियों द्वारा उजले रंग के खादी के कपड़े से मास्क बना रहे हैं। जेल अधीक्षक जितेन्द्र कुमार और जेल उपाधीक्षक मृत्युंजय कुमार ने बताया कि पूर्णिया का केन्द्रीय कारागार बिहार का पहला कारागार है जहां के कैदी कोरोना के लिये मास्क बनाते है। जेल में मास्क बनाने के लिये दस मशीनें उपलब्ध हैं। इन मशीनों से प्रतिदिन 20 से 25 कैदी मास्क बनाने का काम कर रहे हैं। दो दिनों में करीब एक हजार मास्क बनकर तैयार हो गया है। जेल उपाधीक्षक ने बताया कि कैदी प्रतिदिन करीब पांच सौ मास्क बना लेते हैं। मास्क बनाने में जो कपड़ा होता है वो खादी का होता है साथ ही मेटेरियल का उपयोग होता है वो भी पूर्णिया केन्द्रीय कारागार के कैदियों द्वारा ही बनाया जाता है।
जेल उपाधीक्षक मृत्युंजय कुमार ने बताया कि इस तरह काफी कम लागत में कैदियों और जेल के कर्मचारियों के लिये कैदियों द्वारा मास्क बनाया जा रहा है और जहां से भी जेल के लिये मास्क की मांग होगी वहां के जेल को मास्क की आपूर्ति की जायेगी। जेल उपाधीक्षक ने बताया कि पूर्णिया केन्द्रीय कारागार में इस समय 51 महिला कैदी समेत कुल 1435 कैदी बंद हैं। फिलहाल पुरुष कैदियों द्वारा मास्क बनाने का काम चल रहा है लेकिन जल्द ही महिला कैदियों द्वारा भी मास्क बनाया जायेगा। इसके लिये उन्हें ट्रेनिंग भी दी गयी है। इसके साथ ही जेल के सभी कैदियों को मास्क दिया गया है साथ ही सारे स्टाफ औऱ सुरक्षाकर्मियों को भी मास्क दिया गया है। हालांकि सरकार के निर्देश पर जेल में कैदियों से मुलाकात पर एक सप्ताह तक रोक लगा दी गई है।