मुंबई. महाराष्ट्र में गुरुवार को मूर्ति विसर्जन के साथ 10 दिन तक चलने वाला गणेशोत्सव श्रद्धा एवं उल्लास के साथ संपन्न हुआ। रंग-गुलाल और ढोल-ताशों के बीच लालबाग के राजा का विसर्जन मुंबई के गिरगांव चौपाटी पर किया गया। उन्हें लिफ्ट के सहारे समुद्र में विसर्जित किया गया। बप्पा की विसर्जन यात्रा तकरीबन 8 किलोमीटर की थी और उसे पूरा करने में तकरीबन 22 घंटे का समय लगा।
ऐसे थी लाल बाग के राजा की यात्रा
लालाबाग के राजा को रविवार सुबह 10.30 बजे पंडाल से निकाला गया। फिर भारत माता थियेटर, साने गुरुजी मार्ग, भायखला वेस्ट, करी रोड, नागपाडा, डंकन रोड, दो टांकी, संत सेवा महाराजा मार्ग, महादेव बाग, ऑपेरा हॉउस होते हुए सोमवार सुबह 8.30 बजे गिरगांव चौपाटी लाया गया। इसके बाद बप्पा को क्रेन के सहारे एक विशेष नाव पर लेकर भक्त समुद्र के बीच पहुंचे और वहां बनी एक खास लिफ्ट की मदद से विसर्जन किया गया।
सुरक्षा के कड़े इंतजाम
सभी प्रमुख विसर्जन स्थलों पर क्रेन, वॉचटावर और दूधिया रोशनी वाली लाइट लगाई गई थी। पूरी मुंबई में तकरीबन 50 हजार पुलिसकर्मी तैनात किए गए थे। मुंबई के 5 परिमंडलों की सुरक्षा निगरानी आईजी रैंक के 5 अधिकारियों के जिम्मे सौंपी गई। पुलिस की मदद के लिए एसआरपीएफ की 12 टुकड़ियों को बुलाया गया था। बम निरोधक दस्तों और खोजी कुत्तों की भी तैनाती की गई है। ड्रोन से विसर्जन स्थलों की निगरानी की जा रही थी।