बुजुर्गों ख्याल न रखने पर आपको हो सकती है 6 महीने की जेल, जल्द बनेगा कानून

नई दिल्ली। घर के बुजुर्गों को ख्याल रखने के लिए केंद्र की मोदी सरकार बड़े फैसले की तैयारी में है। मोदी सरकार Maintenance and Welfare Senior Citizens Act 2007 में कुछ बदलाव कर इस एक्ट के विस्तार के बारे में सोच रही है।

मोदी सरकार की कैबिनेट बैठक में बुजुर्गों का ख्याल रखने के लिए न सिर्फ खुद के बच्चों, बल्कि दामाद और बहू को भी देखभाल के लिए जिम्मेदारी सुनिश्चित करने का प्रस्ताव है। इस बिल में संशोधन के लिए मोदी सरकार की कैबिनेट बैठक में अनुमति मिल गई है। इस बिल को अगले हफ्ते संसद में पेश किया जा सकता है।

नए नियम में माता-पिता और सास-ससुर को भी शामिल किया गया है, चाहे वे सिनियर सिटिजन हों या नहीं। उम्मीद की जा रही है कि अगले हफ्ते इस बिल को सदन में पेश किया जा सकता है। इस अधिनियम में 10 हजार रुपये मेंटिनेंस देने की सीमा को भी खत्म किया जा सकता है।

6 महीने कैद की सजा

बुजुर्गों की देखभाल करने वालों की शिकायत करने पर उन्हें 6 महीने कैद की सजा हो सकती है, जो अभी तीन महीने है। देखभाल की परिभाषा में भी बदलाव कर इसमें घर और सुरक्षा भी शामिल किया गया है। देखभाल के लिए तय की गई राशि का आधार बुजुर्गों, अभिभावकों, बच्चों और रिश्तेदारों के रहन-सहन के आधार पर किया जाएगा। प्रस्ताव पास होने की जानकारी देते हुए केंद्रीय सूचना व प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि बिल लाने का मकसद बुजुर्गों का सम्मान सुनिश्चित करना है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.