New Delhi. वायु चक्रवात से निपटने के लिए गुजरात प्रशासन हाईअलर्ट पर है, जिसके गुरुवार को वेरावल के पास समुद्र तट पर दस्तक देने की आशंका है। मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने मंगलवार को कहा कि तटीय इलाके में रह रहे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा जाएगा। रूपाणी ने गांधीनगर में पत्रकारों से कहा कि कच्छ से लेकर दक्षिण गुजरात में फैली समूची तटरेखा को हाईअलर्ट पर रखा गया है। मौसम संबंधी हालिया रिपोर्ट के अनुसार, चक्रवात 13 जून तक पहुंच सकता है।
एनडीआरएफ की टीमें तैनात
राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) ने गुजरात और दीव में 39 टीमों को पहले से तैनात कर दिया है। हर टीम में करीब 45 कर्मी हैं। बचाव दल नावों, पेड़ काटने वाली मशीनों और दूरसंचार उपकरणों आदि से लैस हैं। थलसेना की 34 टीमों को भी तैयार रखा गया है।
गुजरात और दीव के अधिकारियों ने बुधवार की सुबह से संवेदनशील इलाकों से करीब तीन लाख लोगों को सुरक्षित जगहों पर ले जाने की योजना बनाई है। इन लोगों के रहने के लिए करीब 700 चक्रवात एवं राहत आश्रय गृह बनाए गए हैं। समीक्षा के बाद गृह मंत्री ने वरिष्ठ अधिकारियों को निर्देश दिया कि वे लोगों की सुरक्षा के लिए हरसंभव कदम उठाएं।
गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि शाह ने बिजली, दूरसंचार, स्वास्थ्य, पेयजल जैसी सभी आवश्यक सेवाओं को बरकरार रखने और चक्रवात से नुकसान होने की स्थिति में तत्काल उन सेवाओं को बहाल किए जाने पर भी बल दिया। मंत्रालय गुजरात, महाराष्ट्र, गोवा, कर्नाटक की सरकारों के साथ ही केंद्र शासित प्रदेश दमन और दीव के साथ निरंतर संपर्क में है।
मौसम विभाग कई दिनों से जारी कर रहा बुलेटिन
मौसम विभाग सभी संबंधित राज्यों को नौ अप्रैल से नियमित बुलेटिन जारी कर रहा है। इस बीच कैबिनेट सचिव पी के सिन्हा ने राष्ट्रीय संकट प्रबंधन समिति की बैठक की अध्यक्षता की जिसने तूफान वायु से संबंधित तैयारियों का जायजा लिया। मीडिया में मुनादी और सामूहिक एसएमएस भेजकर लोगों को तूफान के बारे में चेतावनी देने की व्यवस्था की।