नई दिल्ली। Exit Poll 2019 के अनुमानों ने विपक्ष के मंसूबों पर पानी फेर दिया है। आखिरी चरण के मतदान से पूर्व ही विपक्षी दल नतीजों के बाद संभावित समीकरणों को लेकर सक्रिय हो गए थे। लेकिन सातवें चरण के मतदान के तुरंत बाद आए अधिकतर Exit Poll 2019 में स्पष्ट रूप से एनडीए की सरकार बनती हुई दिख रही है। इससे विपक्ष की रणनीति को जोरदार झटका लगा है।
Exit Poll 2019 हालांकि सिर्फ अनुमान हैं और नतीजे 23 मई को आएंगे। लेकिन अनुमान एनडीए के पक्ष में हैं। इन रुझानों से तीन बातें साफ होती हैं। एक, हिंदी क्षेत्र में भाजपा को नुकसान की जितनी आशंकाएं जताई जा रही थी, वह सही नहीं निकली। सिर्फ उत्तर प्रदेश को छोड़कर बाकी राज्यों मध्य प्रदेश, राजस्थान, छतीसगढ़, बिहार, झारखंड, दिल्ली, उत्तराखंड, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश में उसे खास नुकसान नहीं हो रहा है। थोड़ी-बहुत कमी के साथ भाजपा अपना पिछला प्रदर्शन फिर से दोहराने जा रही है।
जनता ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में फिर से भरोसा व्यक्त किया है। तीसरे, विपक्ष ने मोदी को हटाने के लिए एकजुटता की मुहिम तो शुरू की। लेकिन मोदी का कोई ठोस विकल्प वह जनता के सामने पेश नहीं कर पाए। इसलिए विपक्ष की रणनीति कारगर नहीं हुई।
Exit Poll 2019 के नतीजे विपक्ष को निराश करने वाले हैं। कांग्रेस को जहां सिर्फ केरल और पंजाब में थोड़ी बढ़त दिख रही है। यूपीए का एक घटक तमिलनाडु में द्रमुक सिर्फ अच्छा प्रदर्शन करता दिख रहा है। बिहार, झारखंड, आंध्र प्रदेश और कर्नाटक में उसका गठबंधन कारगर नहीं रहा।
विपक्षी एकता के अगुआ चंद्रबाबू नायडू अपने प्रदेश में बुरी तरह से पराजित होते दिख रहे हैं। तृणमूल कांग्रेस को पश्चिम बंगाल में भाजपा से जबरदस्त चुनौती मिलती दिख रही है। दिल्ली में आम आदमी पार्टी का खाता खुलता नहीं दिख रहा है।
भाजपा की घेराबंदी यूपी में थोड़ी बहुत सफल होती दिख रही है। लेकिन Exit Poll 2019 के नतीजों से साफ है यूपी में हो रही क्षति की भरपाई भाजपा बंगाल, ओडिशा, कर्नाटक में करती दिख रही है।