World Desk.श्रीलंकाई संसद व यूनिसेफ (UNICEF) ने मिलकर बाल अधिकारों के सम्मेलन की 30वीं वर्षगांठ के मौके पर एक समारोह का आयोजन किया। इसमें दक्षिण एशिया के सांसदों को बुलाया गया। यह दो दिवसीय इवेंट सोमवार से शुरू हुआ।
इवेंट में क्षेत्र के बच्चों के हालात पर नजर रखने पर जोर दिया गया साथ ही बाल अधिकारों की राह में आने वाली चुनौतियों पर चर्चा की गई। इवेंट में सांसदों को नई प्रतिबद्धताओं को बनाने का मौका दिया गया। अपने भाषण में श्रीलंकाई संसद के स्पीकर कारु जयसूर्या ने कहा कि दक्षिण एशिया का भविष्य यहां के बच्चों के भविष्य पर निर्भर करता है। इसलिए यहां बच्चों की देखभाल बेहतर होनी चाहिए। दक्षिण एशियाई जनसंख्या का 36 फीसद हिस्सा यहां के बच्चे हैं।
दक्षिण एशिया यूनिसेफ की क्षेत्रीय निदेशक जीन गॉग ने कहा कि सम्मेलन से बच्चों के जीवन को और बेहतर बनाने में मदद मिलती है। साथ ही उन्होंने सरकार के अनुकूल नीतियां और निवेश बनाने का आश्वासन दिया ताकि बच्चों को अच्छी जिंदगी और सुरक्षित बचपन मिल सके। उनहोंने कहा अभी भी सम्मेलन पूरी तरह हर जगह लागू नहीं है और बच्चों को अपने अधिकार नहीं मिल रहे हैं। उन्हें पर्याप्त चिकित्सा, पोषण, शिक्षा और सुरक्षा नहीं मिल पा रहा।