बंगलौर से संबंध रखनेवाली कार सर्विस ओला कंपनी ने अपने ही वरिष्ठ अधिकारियों को भ्रष्टाचार में लिप्त बताया है। फैक्ट्री डेली की एक रिपोर्ट के अनुसार, ओला ने इन सभी अधिकारियों के खिलाफ जांच के आदेश दे दिए हैं। इस भ्रष्टाचार को लाखों डॉलर्स में बताया जा रहा है।
बता दें कि इस भ्रष्टाचार में ओला कंपनी के मानव संसाधन प्रमुख और मुख्य प्रशासनिक अधिकारी युगांतर सैकिया शामिल हैं। इनपर आरोप है कि इन्होने विक्रेताओं को फायदा पहुँचाया और बदले में उनसे रिश्वत वसूली।इनपर जांच भी चल रही है। रिपोर्ट के मुताबिक, इस जाँच में ‘BIG FOUR’ ऑडिट कंपनी को भी अनुबंधित किया गया है।
युगांतर के खिलाफ कंपनी ने कार्रवाई करते हुए उनका लैपटॉप जब्त कर लिया है और उन्हें दोबारा नौकरी पर आने से मना कर दिया गया है। वहीं युगांतर ने भी अपने बयान में कहा है कि कंपनी की किसी भी प्रकार की कार्रवाई मेरे संज्ञान में नहीं है। इस मामले में जब ओला कंपनी से प्रतिक्रिया जाननी चाही, तो उन्होंने बताया कि इस मामले पर कंपनी में अंदरूनी जाँच चल रही है और इस वक्त हम इस मामले पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दे सकते।
रिपोर्ट के अनुसार, युगांतर अब नोटिस पीरियड पर हैं। मार्च महीने के अंतिम दिन को उनका कार्यकाल समाप्त हो जाएगा। फेक्ट्री डेली के अनुसार, उनका कंप्यूटर जब्त करने के बाद उन्हें एकाएक कंपनी छोड़ने के लिए कहा गया।ओला के प्रवक्ता ने एक निजी वेबसाईट से बात करते हुए बताया कि जांच में सहयोग करने के लिए युगांतर अब भी कंपनी में काम कर रहे हैं।
जाँच में ओला के हजार से ज्यादा कर्मियों से पूछताछ की जा रही है और उनकी समीक्षा भी की जा सकती है। सूत्र के हवाले से मिली खबर के अनुसार, इन कर्मियों की भर्ती से कंपनी ने 5 से 6 करोड़ रूपए कमाए। इस राशी को भ्रष्टाचार के उद्देश्य के लिए इस्तेमाल किया गया।