नई दिल्ली. पश्चिम बंगाल के डॉक्टरों ने राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से मुलाकात के बाद हड़ताल खत्म कर दी है। इससे पहले ममता बनर्जी ने सभी सरकारी अस्पतालों में चिकित्सकों की सुरक्षा के लिए नोडल अधिकारियों को नियुक्त करने के पुलिस को निर्देश दिये। साथ ही उन्होंने सप्ताहभर से चले आ रहे गतिरोध को समाप्त करने के प्रयास में सोमवार को हड़ताली चिकित्सकों के साथ बैठक की। केवल दो क्षेत्रीय न्यूज चैनलों को राज्य सचिवालय में बनर्जी और जूनियर डॉक्टरों के बीच हुई बैठक को कवर करने की अनुमति दी गई।
ममता ने आंदोलनरत जूनियर डॉक्टरों के साथ बैठक में कहा कि राज्य सरकार ने किसी भी डॉक्टर के खिलाफ मामला दर्ज नहीं किया। उन्होंने कहा कि हमने पर्याप्त कदम उठाए हैं, एनआरएस अस्पताल में हुई घटना में कथित तौर पर लिप्त पांच लोगों को गिरफ्तार किया। मुख्यमंत्री के साथ बैठक में जूनियर डॉक्टरों के ज्वाइंट फोरम ने कहा कि काम करते हुए हमें डर लगता है, एनआरएस के डॉक्टरों से मारपीट करने वालों को ऐसी सजा दी जाए जो दूसरों के लिए उदाहरण हो।
इससे पहले ममता बनर्जी आंदोलनरत चिकित्सकों के साथ बातचीत की लाइव कवरेज के लिए राजी हो गई हैं। इस बैठक के लिए डॉक्टरों को आमंत्रण स्वास्थ्य विभाग की ओर से भेजा गया था। इसमें कहा गया कि बैठक के दौरान होने वाली चर्चा और संकल्प का रिकॉर्डेड संस्करण बाद में उन्हें सौंप दिया जाएगा।
चिकित्सा शिक्षा विभाग के निदेशक प्रदीप मित्रा ने कहा, ”नहीं, मीडिया को अंदर आने की इजाजत नहीं होगी। उनके पत्र में ऐसा कोई जिक्र नहीं किया गया है। प्रदर्शनरत डॉक्टरों को आज सुबह आमंत्रण भेजा गया है। हालांकि डॉक्टरों ने कहा कि बैठक के संबंध में उन्हें ऐसा कोई आमंत्रण नहीं मिला है। डॉक्टरों के संयुक्त मोर्चे के प्रवक्ता ने पत्रकारों से कहा, ”सचिवालय पर दिन में बैठक के संबंध में हमलोगों को ऐसा कोई आमंत्रण नहीं मिला है। यह भ्रम पैदा करने की चाल है और हमने स्पष्ट तौर पर कहा है कि बैठक मीडिया की मौजूदगी में ही होगी। उन्होंने कहा कि आम जनता को यह जानने का हक है कि बैठक में क्या चर्चा हुई क्योंकि वही सबसे अधिक नुकसान उठा रही है।