राम जन्मभूमि में नवरात्रि में रामलला आरती कर सकेंगे श्रद्धालु, अस्थायी मंदिर से 200 मीटर पर रखी जाएगी मूर्ति

उत्तर प्रदेश।। राम नवमी त्योहार के दौरान अगले महीने रामजन्मभूमि परिसर में पहली बार श्रद्धालु आरती में शामिल हो सकेंगे। रामलला की मूर्तियों को वर्तमान में अस्थायी मंदिर से 200 मीटर की दूरी पर स्थापित करने की व्यवस्था की जा रही है। भगवान राम के जन्मदिन के तौर पर मनाया जाने वाला रामनवमी त्योहार उच्चतम न्यायालय के ऐतिहासिक फैसले के बाद आ रहा है। फैसले में विवादित जमीन को एक न्यास को सौंपने का आदेश दिया गया था ताकि वहां राम मंदिर का निर्माण हो सके। कोरोना वायरस फैलने के बीच दो अप्रैल को रामनवमी उत्सव को रद्द करने की मांग की जा रही थी लेकिन स्थानीय प्रशासन इसे जारी रखने को इच्छुक है। न्यास ने श्रद्धालुओं को जुलूस देखने की अनुमति दी है और त्योहार के बजट को 51 हजार रुपए से बढ़ाकर डेढ़ लाख रुपए कर दिया है।

राम जन्मभूमि में 1992 से पुजारी महंत सतेन्द्र दास ने कहा कि नये कोष के आवंटन से वे बेहतर प्रबंधन कर सकते हैं। महंत दास ने कहा ‎कि इस वर्ष श्रद्धालु रामनवमी पर आरती देख सकते हैं। मूर्तियों को 25 मार्च को नये स्थान पर स्थानांतरित किया जा रहा है हर महीने करीब दस लाख रुपए चढ़ावा आता है लेकिन हमें केवल 51 हजार रुपए मिलता है। बढ़े हुए बजट के साथ इस वर्ष प्रसाद की गुणवत्ता भी ज्यादा अच्छी होगी। इस वर्ष भगवान के लिए नया वेलवेट का परिधान बनेगा। साथ ही हर वर्ष हम एक क्विंटल पंजीरी और 50 किलोग्राम पंचामृत बांटते हैं लेकिन इस वर्ष हम तीन क्विंटल पंजीरी और एक क्विंटल पंचामृत बांटेंगे। यह भी पता चला है कि नवरात्रि के पहले दिन 25 मार्च के अहले सुबह भगवान राम और उनके तीन भाईयों लक्ष्मण, भरत और शत्रुघ्न की प्रतिमाएं गर्भगृह से नये अस्थायी जगह पर एक बुलेटप्रूफ स्थान पर स्थानांतरित की जाएंगी।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

This site uses Akismet to reduce spam. Learn how your comment data is processed.