नई दिल्ली. पाकिस्तान में जासूसी के आरोप में जेल में कैद भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव के मामले में नीदरलैंड का हेग स्थित अंतरार्ष्ट्रीय न्यायालय (ICJ) बुधवार (17 जुलाई) को फैसला सुनाएगा। इस मौके के लिए पाकिस्तान के कानूनी विशेषज्ञों की एक टीम हेग पहुंच चुकी है। पाकिस्तान मीडिया में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार, रेडियो पाकिस्तान ने बताया है कि पाकिस्तान की कानूनी टीम का नेतृत्व देश के महान्यायवादी मंसूर खान कर रहे हैं। टीम के साथ पाकिस्तान के विदेश विभाग के प्रवक्ता मोहम्मद फैसल भी हेग पहुंचे हैं।
भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव मामले की 10 अहम बातें
1। पाकिस्तान का आरोप है कि जाधव एक भारतीय जासूस हैं जिन्होंने पाकिस्तान के बलूचिस्तान में आतंकी गतिविधियों को अंजाम दिया था।
2। पाकिस्तानी सैन्य अदालत ने अप्रैल 2017 में बंद कमरे में सुनवाई के बाद ”जासूसी और आतंकवाद के आरोपों में भारतीय नौसेना के सेवानिवृत्त अधिकारी जाधव (49) को मौत की सजा सुनाई थी। हालांकि जाधव ने पाकिस्तानी राष्ट्रपति के समक्ष दया याचिका दायर की हुई है।
3। भारत और पाकिस्तान के रिश्तों में और तल्खी घोलने वाले इस मामले में भारत ने पाकिस्तान के आरोप को सिरे से खारिज करते हुए कहा है कि जाधव बेकसूर हैं।
4। भारत ने मामले को हेग स्थित अंतरार्ष्ट्रीय न्यायालय में उठाया। इससे पहले हुई सुनवाई में ICJ ने पाकिस्तान को जाधव को दी गई फांसी की सजा पर अमल करने से रोक दिया था।
5। पाकिस्तानी मीडिया के मुताबिक, देश के कानूनी विशेषज्ञों का मानना है कि ICJ कुलभूषण जाधव को रिहा करने के भारतीय अनुरोध को ठुकरा देगा, लेकिन यह हो सकता है कि उन्हें दी गई सजा को रद्द कर दिया जाए और जाधव को राजनयिक पहुंच प्रदान करने का आदेश अदालत द्वारा सुनाया जाए। रिपोर्ट में कहा गया है कि अगर राजनयिक पहुंच प्रदान करने का आदेश दिया जाता है तो ऐसा पहली बार होगा कि ‘एक जासूस’ को राजनयिक पहुंच प्रदान की जाएगी।
6। भारत लगातार जाधव को राजनयिक पहुंच प्रदान करने की मांग करता रहा है। लेकिन, पाकिस्तान यह कहकर इससे इनकार करता रहा है कि जासूसों के मामले में राजनयिक पहुंच नहीं दी जाती है।
7। नीदरलैंड में द हेग के ‘पीस पैलेस’ में बुधवार को भारतीय समयानुसार शाम साढ़े छह बजे सार्वजनिक सुनवाई होगी जिसमें अदालत के प्रमुख न्यायाधीश अब्दुलकावी अहमद यूसुफ फैसला पढ़कर सुनाएंगे।
8। इस चर्चित मामले में फैसला आने से करीब पांच महीने पहले न्यायाधीश यूसुफ की अध्यक्षता वाली ICJ की 15 सदस्यीय पीठ ने भारत और पाकिस्तान की मौखिक दलीलें सुनने के बाद 21 फरवरी को अपना फैसला सुरक्षित रखा था। इस मामले की कार्यवाही पूरी होने में दो साल और दो महीने का वक्त लगा।
9। भारत ने नयी दिल्ली को जाधव तक राजनयिक पहुंच देने से बार बार इंकार करके पाकिस्तान द्वारा वियना संधि के प्रावधानों का ”खुलेआम उल्लंघन के लिए आठ मई 2017 को ICJ का दरवाजा खटखटाया था। ICJ की दस सदस्यीय पीठ ने 18 मई 2017 को पाकिस्तान को जाधव की मौत की सजा पर अमल से रोक दिया था।
10। ICJ में सुनवाई के दौरान, भारत और पाकिस्तान दोनों ने अपना अपना पक्ष रखा था और जवाब दिये थे। इस मामले में भारत का पक्ष रखने वाले हरीश साल्वे ने पाकिस्तान की कुख्यात सैन्य अदालतों के कामकाज पर सवाल उठाए थे और ”दबाव वाले कबूलनामे पर आधारित जाधव की मौत की सजा निरस्त करने का संयुक्त राष्ट्र की इस अदालत से अनुरोध किया था।