क्राइम डेस्क. मध्य प्रदेश के शिवपुरी में एक दलित शख्स की हत्या महज इसलिए कर दी गई है क्योंकि उसने एक हैंड पम्प से पानी लिया था. शख्स ने एक हैंड पम्प से पानी को लेकर परिवार के सदस्यों और वन विभाग के लोगों के बीच हुए झगड़े में दखल की कोशिश की थी. ये घटना रविवार को शिवपुरी जिला मुख्यालय से 60 किलोमीटर दूर स्थित फतेहपुर गांव में हुई.मध्य प्रदेश के शिवपुरी में एक दलित शख्स की वन सुरक्षाकर्मी की गोली लगने से मौत हो गई. इस शख्स ने एक हैंड पम्प से पानी को लेकर परिवार के सदस्यों और वन विभाग के लोगों के बीच हुए झगड़े में दखल की कोशिश की थी. ये घटना रविवार को शिवपुरी जिला मुख्यालय से 60 किलोमीटर दूर स्थित फतेहपुर गांव में हुई. मृतक की पहचान मदन बाल्मिकि के तौर पर हुई है. मदन की पत्नी सरोज ने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है.
सरोज का आरोप है कि “हमारी बेटी फतेहपुर फॉरेस्ट चेकपोस्ट के पास हैंड पम्प से पानी भर रही थी और बर्तन साफ कर रही थी. तभी फॉरेस्ट रेंजर सुरेश शर्मा ने उसे जातिसूचक शब्दों के साथ बुलाने के साथ गालियां दीं. जब बेटी ने ऐसा कहने से मना किया तो एक महिला अधिकारी ने उसे बालों से खींचना शुरू कर दिया. मेरे पति वहीं से 100 मीटर की दूरी पर काम कर रहे थे. वो बेटी को बचाने के लिए आगे आए तो उन्हें गोली मार दी गई.”
वन विभाग ने शुरू में अपने अधिकारियों को बचाने की कोशिश करते हुए दावा किया कि गांववालों ने फॉरेस्ट गार्ड की बंदूक छीनने की कोशिश की. ये गार्ड उस अतिक्रमण विरोधी टीम में शामिल था जिसे रविवार को मौके पर भेजा गया था. रविवार शाम को गांव वालों ने करेरा पुलिस स्टेशन के बाहर घटना के विरोध में प्रदर्शन किया. इसके बाद आईपीसी की धारा 302 के तहत सुरेश शर्मा समेत 15 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया. अभी तक इस मामले में कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है. वन विभाग ने इस प्रकरण की जांच के आदेश दिए हैं.