लखनऊ। सोनभद्र में जमीन पर कब्जा करने के प्रयास में दस लोगों की हत्या के मामले को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बेहद गंभीरता से लिया है। उन्होंने गोपनीय रिपोर्ट मिलने के साथ बड़ी कार्रवाई की है। सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर वहां के एसडीएम व सीओ के साथ पांच लोगों को निलंबित किया गया है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोनभद्र में दस लोगों की हत्या के मामले में गठित जांच की संस्तुति पर सोनभद्र के घोरावल के एसडीएम, सीओ घोरावल, इंस्पेक्टर घोरावल समेत पांच अधिकारियों कर्मचारियों को निलंबित कर दिया है। मुख्यमंत्री ने इस कार्रवाई की जानकारी विधानसभा में दी है।
सदन की कार्यवाही जैसे ही सुबह 11 बजे शुरू हुई। नेता प्रतिपक्ष रामगोविंद चौधरी व बसपा के नेता लालजी वर्मा ने सोनभद्र का मुद्दा उठाते हुए चर्चा की मांग की। इससे पहले संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना ने सदन में घोषणा करनी चाही कि नेता सदन एक महत्वपूर्ण विषय पर वक्तव्य देना चाहते हैं। इस पर विधानसभा अध्यक्ष ह्रदयनारायण दीक्षित ने चर्चा से इनकार करते हुए नेता प्रतिपक्ष व बसपा नेता को शांत रहने के निर्देश दिए।
मुख्यमंत्री ने कहा एडीजी वाराणसी जोन व मंडलायुक्त मिर्जापुर की जांच समिति की रिपोर्ट पर शासन ने त्वरित कार्रवाई की है। समिति की जांच रिपोर्ट मे पाया गया है कि सीआरपीसी की धारा-145 के तहत कार्रवाई करने के लिए एसडीएम घोरावल रिपोर्ट काफी दिनों तक दबाए रहे। इसी तरह सीओ घोरावल के अलावा इंस्पेक्टर घोरावल ने भी कर्तव्यों का पालन नहीं किया। इतना ही नहीं घोरावल थाने के बीट सब-इंस्पेक्टर और सिपाही ने भी उचित कार्रवाई नहीं की। लिहाजा वहां के एसडीएम, सीओ, इंस्पेक्टर, एसआई व बीट इंचार्ज को निलंबित कर दिया गया है।
यही नहीं अपर मुख्य सचिव राजस्व की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय कमेटी भी गठित कर दी गई है, जो वहां पूर्व में तैनात अधिकारियों की भूमिका की जांच करेगी। कमेटी देखेगी कि जमीन के हस्तांतरण के दौरान वहां पूर्व में तैनात अधिकारियों ने तो कोई लापरवाही तो नहीं की। इस विस्तृत रिपोर्ट आने के बाद वहां पर भी बड़ी कार्रवाई होगी।