मुंबई ।। चाइना के वैज्ञानिक अब इंसान के दिमाग का प्रयोग बंदरों में कर रहे हैं जिससे वो बंदर मनुष्य की तरह सोच समझकर तेज काम कर सकें। इस तरह की खोज को लेकर कई तरह के टेस्ट भी किए जा रहे हैं। लेकिन इन शोधों से कई वैज्ञानिक परेशान भी है।
उनका कहना है कि जिस तरह का शोध किया जा रहा है उससे आने वाले वक्त में हाइब्रिड लैब से जो बंदर तैयार किया जाएगा वो मानवीय मस्तिष्क वाला बंदर होगा। इस तरह के अनुसंधान से कई खतरे भी होंगे। अब इन बंदरों के जीन से एल्जाइमर जैसी बीमारी का भी उपचार किया जा रहा है।
इसी के साथ वैज्ञानिक इस बात की भी शोध कर रहे हैं कि जानवरों के ऐसे कौन से अंग है जो इंसानों में प्रयोग किए जा सकते हैं। ये खोज इस वजह से की जा रही है कि कई बार इंसानों के बॉडी को कुछ अंगों की जरूरत होती है लेकिन वो उसको मिल नहीं पाते हैं, इस वजह से ये खोज की जा रही है कि जानवरों के कौन से अंग अब इंसान में प्रयोग हो सकते हैं।
हालांकि, कुछ विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि इस तरह के काम आगे बढ़ने से पहले नैतिक दिशानिर्देशों की आवश्यकता होती है। अन्य शोधकर्ताओं का प्रस्ताव है कि इंसानों और जानवरों के दिमाग को एक साथ जोड़ना एक जांच की एक पंक्ति है जिससे पूरी तरह से बचा जाना चाहिए।