नई दिल्ली. भाजपा अध्यक्ष अमित शाह पर अब कुछ महीनों तक सरकार व संगठन की दोनों जिम्मेदारियों का भार रहेगा। पार्टी लोकसभा चुनाव से बने माहौल को इस साल के आखिर में होने वाले तीन राज्यों के विधानसभा चुनाव तक बरकरार रखना चाहती है। इन तीनों राज्यों महाराष्ट्र, झारखंड व हरियाणा में भाजपा की अपनी सरकारें हैं।
भाजपा में एक व्यक्ति एक पद के सिद्धांत की परंपरा के चलते अमित शाह गृहमंत्री बनने के बाद ज्यादा समय तक पार्टी अध्यक्ष नहीं रहेंगे। वैसे भी वह अपना पहला कार्यकाल पूरा कर चुके हैं। पार्टी ने लोकसभा चुनाव को देखते हुए उनका कार्यकाल लोकसभा चुनावों तक बढ़ाया था। सूत्रों के अनुसार अब भाजपा चाहती हैं कि तीन राज्यों के चुनाव तक भी शाह पार्टी की कमान संभाले रहें, ताकि लोकसभा चुनाव में मिली जीत की लय इन राज्यों के चुनावों तक बरकरार रह सके। तब तक संगठनात्मक चुनाव की प्रक्रिया भी पूरी हो जाएगी।
भाजपा में पहले भी कई अध्यक्ष अपना कार्यकाल पूरा होने के बाद चुनाव व अन्य कारणों से काफी दिनों तक अध्यक्ष बने रहे थे। हालांकि राजनाथ सिंह ने 2014 में गृहमंत्री बनने के बाद अध्यक्ष पद छोड़ दिया था, जिसके बाद अमित शाह को नया अध्यक्ष नियुक्त किया गया था। शाह ने पहले राजनाथ सिंह के बचे कार्यकाल को पूरा किया और उसके बाद अपना पहला अध्यक्षीय कार्यकाल शुरू किया था।
भाजपा में किसी व्यक्ति को लगातार दो कार्यकाल के लिए अध्यक्ष चुना जा सकता है। उसे देखते हुए शाह के पास एक कार्यकाल बाकी है। हालांकि शाह गृहमंत्री रहेंगे और दूसरा कार्यकाल नहीं लेंगे।