आजमगढ़।। सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव के नक्शे कदम पर अखिलेश यादव चलते हैं तो उन्हें बड़ा झटका लग सकता है। लोकसभा इलेक्शन-2019 में सपा को तगड़ा झटका लगा है। सपा संरक्षक मुलायम सिंह यादव परिवार के कई सदस्य इलेक्शन हार गए हैं। मायावती की पार्टी बीएसपी से गठबंधन करना भी सपा के काम नहीं आया है।
ऐसे में उत्तर प्रदेश में साल 2022 में होने वाले विधानसभा इलेक्शन में सपा को मजबूत करने की बड़ी चुनाती पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव को मिली है। अखिलेश यादव के लिए सबसे बड़ी चुनौती यूपी इलेक्शन 2022 है। अगर अखिलेश यादव अपने पिता मुलायम सिंह यादव की तरह आजमगढ़ संसदीय क्षेत्र से दूरी बना लेते हैं तो उन्हें भारी नुकसान उठाना पड़ सकता है।
आजमगढ़ का यादव और मुस्लिम समीकरण हमेशा से समाजवादी पार्टी को लाभ पहुंचाता आया है। भाजपा ने सपा व बीएसपी गठबंधन हो जाने के बाद जिस तरह से सपा के वोट बैंक में सेंधमारी की है उससे सपा की परेशानी बढ़ गई है। शिवपाल यादव भी सपा से अलग होकर राजनीति के मैदान में डटे हुए हैं। ऐसे में अखिलेश यादव को अपने संसदीय क्षेत्र का खास ध्यान रखना होगा। अगर ऐसा नहीं किया तो फिर समाजवादी पार्टी को झटका लग सकता है।