महामारी कोरोना के संकटकाल में भी पिंपरी चिंचवड मनपा प्रशासन के लापरवाह कामकाज का रवैया बरकरार है। शहर में एक महिला ने अपनी एंटीजन टेस्ट कराई थी जिसकी रिपोर्ट निगेटिव मिलने से उसे घर छोड़ दिया गया। उसके तीन दिन बाद महिला की तबीयत बिगड़ गई और उसे वाईसीएम हॉस्पिटल में एडमिट कराने के बाद शुक्रवार को इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। उसकी कोरोना टेस्ट की रिपोर्ट आने से पहले ही उसकी जान चली गई। इसके बाद मनपा की ओर से महिला के घर पर फोन कर उसके कोविड पॉजिटिव रहने की खबर देकर उसे एडमिट कराने के लिए पूछताछ की गई।
एंटिजन टेस्ट निगेटिव आने के तीन घर छोड़ा यह मामला पिंपरी चिंचवड़ के रुपीनगर तलवडे इलाके का है। यहां रहनेवाली कमल पांडुरंग धुकटे (59) ने एक सितंबर को यमुनानगर स्थित मनपा के हॉस्पिटल में अपनी एंटीजन औऱ आरटीपीसीआर टेस्ट कराई थी। एंटीजन टेस्ट की रिपोर्ट निगेटिव मिलने से उन्हें घर छोड़ दिया गया। हालांकि 10 दिन बाद भी उनकी आरटीपीसीआर टेस्ट की रिपोर्ट नहीं मिली। तबियत बिगड़ने से 9 सितंबर को उन्हें मनपा के वाईसीएम हॉस्पिटल में ले जाया गया। शुक्रवार को इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई।
आरटीपीसीआर रिपोर्ट में पॉजिटिव आई महिला
तब तक भी उनकी आरटीपीसीआर रिपोर्ट नहीं मिली थी। इसके दूसरे दिन उनकी रिपोर्ट आयी जिसमें उनके कोरोना पॉजिटिव रहने की पुष्टि हुई। इसके बाद भी मनपा की लापरवाही नहीं रुकी। हॉस्पिटल की ओर से महिला के घर पर फोन किया गया और उन्हें बताया गया कि उनके मरीन की कोरोना टेस्ट की रिपोर्ट पॉजिटिव आयी है। उन्हें एडमिट कराना होगा, उन्हें लेने के लिए कब आएं? कुल मिलाकर कोरोना के संकटकाल में भी मनपा की लापरवाही थमने का नाम नहीं ले रही जिससे शहरवासियों की जान सांसत में आ गई है।