बिहार : पशुओं को रोकने लगाए गए करंट की चपेट में आने से दो की मौत

न्यूज़ डेस्क | नवप्रवाह न्यूज़ नेटवर्क

पानापुर ओपी क्षेत्र की मणि फुलकाहां पंचायत के बकुलहारा चौर के पोखर के चारों तरफ बिछाए गए बिजली के नंगे तार की चपेट में आने से दो किशोर की मौत हो गई. मृतकों की शिनाख्त भेड़ियाही सलोना निवासी मो. अमजद के पुत्र मो. सैफुल (14) और मो. इशाक के पुत्र मो. साबुदीन (16) के रूप में हुई है.

मछली को बचाने लगाया जाता है करंट
बताया जाता है कि पोखर में पशुओं को आने से रोकने के लिए पोखर के चारों ओर बिजली के तार से घेराबंदी की गई थी. रात में मो. सैफुल व मो. इशाक उधर से गुजर रहा था. इसी दौरान मो. सैफुल घेराबंदी की गई बिजली तार की चपेट में आ गया. उसे तड़पते देख मो. साबुदीन बचाने गया तो वह भी करंट की चपेट में आ गया. मौके पर पहुंचे ग्रामीणों ने तत्काल बिजली बंद करवाई.

मृतक के पिता ने दर्ज कराई नामजद रिपोर्ट
इसके बाद दोनों के शव को बाहर निकाला. पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया. मामले में पानापुर ओपी में मृतक मो. सैफुल के पिता मो. अमजद अली के बयान पर मैसाहा निवासी काशीनाथ झा एवं आलोक कुमार झा पर नामजद प्राथमिकी दर्ज कराई गई है. ओपी अध्यक्ष रमेश कुमार मिश्रा ने बताया कि मामले में दो नामजद अभियुक्तों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई गई है. छानबीन की जा रही है.

पशुओं को खेत में आने से रोकने के लिए लगाते है करंट
नीलगाय और जंगली सूअर से फसल को बचाने के लिए भी किसान खेतों की मेड़ पर करंट वाला नंगा तार लगाते हैं. जिले में इस तरह के बिजली के तार से अब तक आधा दर्जन से अधिक हादसे हो चुके हैं. जिसमें 8 से 10 लोगों की जान जा चुकी है. हालांकि विभाग इसके लिए मंजूरी नहीं देता है. प्रशासनिक स्तर पर भी रोक लगाई गई है.

धारा 304 के तहत होती है कार्रवाई
कानून के जानकार अधिवक्ता शरद सिन्हा ने बताया कि खेतों में नंगा तार लगाकर उसमें करंट प्रवाहित करने से यदि हादसे में किसी की मौत होती है तो ऐसी स्थिति में आईपीसी की धारा 304 के तहत एफआईआर दर्ज की जाती है. लापरवाही के कारण गैर इरादतन हत्या को लेकर पुलिस की ओर से ऐसे मामलों में चार्जशीट की जाती है. इसके तहत सख्त सजा का प्रावधान है.

 

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