एनपी न्यूज़ डेस्क | Navpravah.com
ईशान खट्टर अपनी पहली फिल्म ‘बियॉन्ड द क्लाउड्स’ में अपने अभिनय का जलवा दिखा चुके हैं। अब ‘धड़क‘ के जरिए बॉक्स ऑफिस पर अपनी कमान जमाने को तैयार हैं। उनकी इस फिल्म की चर्चा जोरों पर है। फ़िल्म के सम्बन्ध में उन्होंने नवप्रवाह की संवाददाता कोमल झा से की ख़ास बातचीत। प्रस्तुत हैं उनसे हुई लम्बी बातचीत के प्रमुख अंश।
आपके इंस्टाग्राम वीडियोज़ चर्चा में रहते हैं, ऐसा क्या वीडियो में डालते हैं?
बस मैं अपने विचार और अपने अरमान जाहिर करता हूँ। मुझे सोशल मीडिया पर अपने वीडियोज़ और फोटोज़ अपडेट करना बहुत पसंद है, क्योंकि मुझे बहुत मज़ा आता है। मुझे फोटोग्राफी करना बहुत पसंद है, लेकिन मैंने कभी पॉपुलर अपील करने के लिए अपने वीडियोज़ यूज़ करने के लिए कभी नहीं सोचा, बस जिस तरह की मेरी ज़िंदगी है, जिस तरह का अनुभव है बस उसे कैप्चर किया।
करियर की शुरुआत में ही ऐसी फ़िल्म्स करेंगे, पहले से कोई एक्सरसाइज़ किया था आपने इसको लेकर?
ऐसा कभी नहीं था कि मैं इस तरह की फिल्म करूँगा। हाँ, मेरी इच्छा थी कि मैं इस तरह के निर्देशक के साथ काम करुँ। माजिद के साथ हमेशा से काम करना चाहता था और ये संयोग से हो भी गया। मुझे ऐसा लगता है मेरी जिंदगी में जो तालीम मिली है, सबसे ज्यादा सिनेमा से मिली है। शायद इसलिए मैं इतने जोश से फ़िल्मों के आने का इंतज़ार करता हूँ।
पहली फिल्म से इतनी पहचान नहीं मिली, जितनी फिल्म धड़क से मिल रही है?
जी हाँ, ज़ाहिर सी बात है, जिस तरह के नाम इस फिल्म से जुड़े हैं, चर्चा तो होनी थी। करण जोहर इस देश के सबसे लीडिंग प्रोडूसर है। इतना सालो का तज़ुर्बा है उनका, तो ये सारी चीज़ें तो होंगी ही। लेकिन मुझे कभी ऐसा नहीं लगा कि इस वजह से ऐसी फिल्म करनी चाहिए। जब हमने ये फिल्म बनायी थी, तो बहुत ही मासूमियत से बनायी थी और शशांक की पहली दो फिल्म भी हिट रही है, तो यही सब वजह है जो इस फिल्म को ज्यादा अटेंशन मिल रही है।
कितना आसान और मुश्किल रहा, क्योंकि इस फिल्म के किरदार को सब जानते हैं?
आप लोग इस किरदार को नहीं जानते। ये फिल्म सैराट कि कहानी पर आधारित ज़रूर है, लेकिन ये ऑफिसियल अडेप्टशन है और रीमेक नहीं है। हमने किसी भी तरह से उस फिल्म की नक़ल उतारने कि कोशिश नहीं की है। सैराट में जो दो किरदार है परश्या और अर्चि वो महाराष्ट्र में पले बढ़े है। हमारे फिल्म में जो दो किरदार हैं, मधुकर और पार्थवी वो उदयपुर यानी राजस्थान में पले बढ़े है। फिल्म में दोनों की ज़िंदगी में और दोनों के नज़रिए में बहुत फ़र्क़ है। हाँ, फिल्म की कहानी एक जैसी है, लेकिन हम लोगों ने कुछ अलग तरीके से प्रेजेंट किया है। इस फिल्म को बनाने का मकसद यही था कि इस फिल्म को सभी लोग जाने और समझे इसलिए इसे हिंदी में प्रेजेंट किया गया। पर फिल्म में आप को बहुत कुछ अलग देखने को मिलेगा।
स्टार किड्स से प्रतियोगिता को लेकर कभी टेन्शन होती है?
नहीं, बिलकुल नहीं। क्योंकि मेरा नज़रिया ऐसा नहीं है। जब मैं लोगो की परफॉरमेंस देखता हूँ, तो मैं कोशिश करता हूँ कि उनसे प्रेरणा लूँ, नाकि मैं किसी कि परफॉरमेंस देख कर डर जाऊँ या घबरा जाऊँ। अगर किसी की परफॉरमेंस अच्छी है, तो मुझे कुछ सीखने को ही मिलेगा, तो मैं इसे बुरी चीज़ नहीं मानता हूँ।