एनपी न्यूज़ डेस्क | Navpravah.com
आईआईटी दिल्ली में पढ़ने वाले एक 21 वर्षीय स्टूडेंट गोपाल मालो ने कल सुबह अपने हॉस्टल रूम में फांसी से लटककर जान दे दी थी। उसने ये खौफनाक कदम क्यों उठाया, इसकी वजह वो अपने सुसाइड नोट में लिखकर छोड़ गया।
सुसाइड नोट के अनुसार, ये सामने आया है कि गोपाल के साथ 11 वर्ष की उम्र से ही उसके मामा और मौसी के बेटे कुकर्म करते आ रहे थे। दिल्ली आने पर वो उस पर वापस कोलकाता लौटने के लिए दबाव बनाने लगे थे। गोपाल नीलगिरी हॉस्टल के कमरा नंबर डी-5 में रहता था, उसके साथ दो रूममेट्स भी रहते थे। शुक्रवार सुबह जब वे कमरे पर आए, तो उनके कई बार दरवाजा खटखटाने पर भी गोपाल ने दरवाजा नहीं खोला। जब उन्होंने खिड़की से झांका तो देखा कि गोपाल फंदे से लटका हुआ था।
पुलिस पूछताछ में गोपाल के बड़े भाई ने बताया कि 10 अप्रैल को भी उसने नींद की गोलियां खाकर जान देने की कोशिश की थी, लेकिन रूममेट्स ने उसे सही समय पर अस्पताल पहुंचा दिया, जिससे उसकी जिंदगी बच गई थी।
गोपाल के रूम की जांच करने पर पुलिस को बंगाली भाषा में लिखा उसका सुसाइड नोट मिला। इसमें उसने बताया था कि 11 साल की उम्र में सबसे पहले मौसी के बड़े बेटे ने उसके साथ कुकर्म किया था।
इसके बाद मामा के बेटे ने भी उसके साथ कुकर्म किया। उसके साथ लगातार ऐसा किया जाता रहा। 10 सालों में उसे लगा कि ये सब सामान्य बात है, लेकिन दिल्ली आने पर उसे एहसास हुआ कि उसके साथ क्या हुआ है। गोपाल ने अपने सुसाइड नोट में अपने माता-पिता से ये मांग की कि मामा और मौसी के बेटों को सख्त सजा दिलवाई जाए।