अब मोदी सरकार करेगी ओला-उबेर की बत्ती गुल, खुद लायेगी इंटीग्रेटेड ट्रांसपोर्टेशन सिस्टम!

शिखा पाण्डेय । Navpravah.com

मोदी सरकार जल्द ही एक इंटीग्रेटेड ट्रांसपोर्टेशन सिस्टम लाने जा रही है। इसके लिए वह खुद 6400 करोड़ रुपए के  ऐप बेस्ड ‘कैब एग्रीग्रेटर बिजनेस’ में अपना प्लेटफॉर्म लाने की तैयारी में है।  ऐसा कर सरकार लोगों को सस्ती ट्रांसपोर्टशन सर्विस दिलाना चाहती है। सरकार जल्द ही ऐसा ऐप लाएगी, जिसके जरिए सभी तरह के ट्रांसपोर्टेशन को इंटीग्रेट किया जाएगा। अगर ऐसा होता है, तो उसका सबसे बड़ा असर ओला और उबर जैसी कंपनियों के बिजनेस पर होगा। साथ ही आम आदमी को सस्ती ट्रांसपोर्ट सर्विस के साथ नए विकल्प मिल जाएंगे।

सरकार की ओर से पेश कि‍ए जाने वाले इस ऐप में सभी तरह के कैब सर्वि‍स प्रोवाइर्ड शामि‍ल होंगे। यानी कस्‍टमर को अलग-अलग कंपनी के लि‍ए एक ही ऐप का यूज करना होगा। साथ ही, इसमें इलेक्‍ट्रि‍क कार से लेकर टू-व्‍हीलर, ऑटो, ई-रि‍क्‍शा आदि‍ सभी बुक किए जा सकेंगे। इस सिस्टम के लॉन्च होने के बाद कंपनि‍यों को नए इनोवेशन पर काम करना होगा। उदाहरण के लि‍ए उबर के मार्केट में आने के बाद ओला ने ‘मि‍नी’ नाम से सस्‍ती कैब सर्वि‍स शुरू की थी। इसके बाद, ‘ओला शेयर’ को शुरू कि‍या। ऐसे में अगर सरकार इस इंडस्‍ट्री में आती है तो कस्‍टमर्स को ही फायदा मि‍लेगा। लोगों को सस्‍ते पब्‍लि‍क ट्रांसपोर्टेशन का ऑप्‍शन मिलेगा।

यूनि‍यन रोड ट्रांसपोर्ट एंड हाईवे मि‍नि‍स्‍टर नि‍ति‍न गडकरी ने कहा, “सरकार एक कैब एग्रीगेटर या प्‍लैटफॉर्म पेश करने की प्‍लानिंग कर रही है, जहां लोग ‘इलेक्‍ट्रि‍क फोर व्‍हीलर टैक्‍सी’ या ‘टू-व्‍हीलर्स’ जैसे कि‍सी भी ट्रांसपोर्टेशन मोड को चुन सकते हैं। सरकार इसमें केवल एक फैसेलि‍टेटर होगी लेकि‍न यह प्‍लैटफॉर्म कॉम्‍पीटि‍शन को बढ़ाएगा।” सरकार का मानना है कि‍ मार्केट में केवल बड़ी कंपनि‍यां, जैसे उबर और ओला की ही मोनोपली क्‍यों होनी चाहि‍ए? जो छोटे स्‍तर पर कैब बि‍जनेस चलाते हैं, उनको भी लोगों को सर्वि‍स देने का समान मौका मिलन चाहिए।

गडकरी ने कहा कि‍ भारत में इस वक्‍त 22 लाख कमर्शि‍यल ड्राइवर्स की डि‍मांड है। इसके लि‍ए सरकार देशभर में 100 ड्राइवर ट्रेनिंग इंस्‍टीट्यूट खोलने की योजना बना रही है। गडकरी ने दावा कि‍या कि‍ अगले पांच साल में पांच लाख लोगों को नौकरी मि‍लेगी।

आपको बता दें कि रि‍सर्च कंपनी रेडडीर की ताजा रि‍पोर्ट के मुताबि‍क, इस साल जनवरी के बाद से ओला और उबर दोनों कंपनि‍यों के ड्राइवर्स की संख्‍या में करीब 20 फीसदी की कमी आई है। दोनों कैब कंपनि‍यों के पास 2017 की शुरुआत में 11.12 लाख ड्राइवर्स थे, जो घटकर 8.9 लाख हो गए। ऐसा इसलि‍ए क्‍योंकि‍ कंपनि‍यों ने ड्राइवर्स के इन्‍सेंटि‍व्‍स को घटा दि‍या है। ड्राइवर्स को इन्‍सेंटि‍व पाने के लि‍ए ज्‍यादा टारगेट हासि‍ल करना पड़ता है। उबर के पास इस वक्‍त 2.4 लाख ड्राइवर्स हैं और ओला 6.5 लाख ड्राइवर्स के साथ काम कर रही है।

उल्लेखनीय है कि सरकार एक नए कानून पर वि‍चार कर रही है। जि‍समें मोटर व्‍हीकल्‍स एक्‍ट के तहत टैक्‍सी एग्रीगेटर्स को शामि‍ल कि‍या जाएगा। इसके बाद, वि‍भि‍न्‍न राज्यों को इस तरह की कंपनि‍यों को लाइासेंस देते वक्‍त सरकार की ओर से तय कि‍ए गए दि‍शा-नि‍र्देशों को मानना होगा। हालांकि‍, राज्‍यों के पास अति‍रि‍क्‍त नि‍यम लगाने की आजादी होगी। ऐसे में भारत सरकार द्वारा इस सिस्टम की लॉन्चिंग को बहुत अहम माना जा रहा है।

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